नई दिल्ली। लॉकडाउन
बढ़ेगा या सामाप्त होता इसको लेकर देशवासियों में अभी भी संशय बना हुआ है। 14
अप्रैल के बाद क्या परिवहन संसाधनों के परिचालन की इजाजत मिलेगी या नहीं मिलेगी तो
लॉकडाउन और कितने दिनों के लिए बढ़ेगा। इस सूचना का इंतजार हजारों देशवासी कई
दिनों से कर रहे हैं। देशवासियों के इसी संसय को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी मंगलवार को सुबह 10 बजे देशवासियों को संवोधित करेंगे।
लोगों का
अनुमान हैं कि प्रधानमंत्री लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर एक बार फिर फैसला कर सकते हैं,
क्योंकि इसके पहले पीएम ने जब वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी मुख्यमंत्रियों
से बात किया था तो दिल्ली के सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम कैप्टैन अमरिंदर सिंह
और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सहित अन्य कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को और
आगे बढ़ाने का सुझाव दिया था। इस मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद पीएम देश
के खुफिया विभागों के प्रमुखों से बात की थी और देश के हालात को जानने की कोशिश की
थी। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री इस संबंध में क्या निर्णय लेते हैं।
इससे पहले आज मोदी
के संबोधन की बात कही जा रही थी, लेकिन फिर सरकारी सूत्रों ने खुद इसे खारिज किया
था। देशभर में पहले ही कोरोना वायरस लॉकडाउन बढ़ने की चर्चा है। दूसरी तरफ देखा जाए तो 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से देश की
अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर हुआ है। लोगों के पास काम धंधा नहीं है। ऐसे में यह भी चर्चा है कि इस बार सरकार कृषि के साथ-साथ
कारखानों और माल के ट्रांसपोर्ट को छूट दे सकती है। बंदिशें खासकर ऐसे इलाकों तक
सीमित रह सकती हैं जहां कोरोना के मामले ज्यादा हैं।
21 दिन के
लॉकडाउन में खेती से जुड़े कामों को छूट थी, लेकिन कारखाने बंद थे, जिससे लोगों के रोजगार छिन गए। इसबार लॉकडाउन में सरकार छोटे और मध्यम
उद्योगों को खोल सकती है। कारखाना मालिकों से कहा जाएगा कि मजदूरों को अंदर ही
रोका जाए, खाने-पीने और रहने का इंतजाम वहीं हो।
मेट्रो शहरों को बढ़े लॉकडाउन में छूट मिलना मुश्किल है। दरअसल
दिल्ली, मुंबई, इंदौर, गुड़गांव, भोपाल,
हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर,
बेंगलुरु में कोरोना के केस लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए यहां कोई
नई छूट मिलना मुश्किल है। वहीं कोरोना महामारी के बढ़ते कहर को देखते हए गैर
बीजेपी राज्य दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना,
वेस्ट बंगाल, पंजाब और ओडिशा पहले ही लॉकडाउन
को 30 अप्रैल तक लागू रखने की बात कह चुके हैं। बीजेपी शासित राज्य भी इसपर राजी
है, उन्हें केंद्र के फैसले का इंतजार है।