प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘भारत आज दुनिया की नई उम्मीद है’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी और वैश्विक अशांति व संघर्षों के बीच एक ‘‘सामर्थ्यवान राष्ट्र’’ के रूप में भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश आज दुनिया की ‘‘नई उम्मीद’’ के रूप में उभरा है और वह समस्याओं का समाधान पेश कर रहा है….


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वड़ोदरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी और वैश्विक अशांति व संघर्षों के बीच एक ‘‘सामर्थ्यवान राष्ट्र’’ के रूप में भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश आज दुनिया की ‘‘नई उम्मीद’’ के रूप में उभरा है और वह समस्याओं का समाधान पेश कर रहा है।

गुजरात के वड़ोदरा शहर में कुंडलधाम स्थित स्वामीनारायण मंदिर और करेलीबाग के स्वामीनारायण मंदिर द्वारा आयोजित ‘‘युवा शिविर’’ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह एक ऐसे ‘‘नए भारत’’ के निर्माण में जुटे हैं जिसकी पहचान नई हो, जो भविष्य की ओर देखता हो लेकिन उसकी परम्पराएं प्राचीन हों।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नया भारत, जो नई सोच और सदियों पुरानी संस्कृति, दोनों को एक साथ लेकर आगे बढ़े, पूरी मानवजाति को दिशा दे। जहां चुनौतियां बड़ी हैं, भारत वहां उम्मीद बन रहा है, जहां समस्या है, भारत वहां समाधान पेश कर रहा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘कोविड महामारी के संकट के बीच दुनिया को टीके और दवाइयां पहुंचाने से लेकर बिखरी हुई आपूर्ति श्रृंखला के बीच आत्मनिर्भर भारत की उम्मीद तक, वैश्विक अशांति और संघर्षों के बीच शांति के लिए एक सामर्थ्यवान राष्ट्र की भूमिका तक, भारत आज दुनिया की नई उम्मीद है।’’

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के खतरों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत ही है जो इसके समाधान को नेतृत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आज पूरी मानवता को योग का रास्ता दिखा रहा हैं और उसे आयुर्वेद की ताकत से परिचित करवा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस तक, एक नए भविष्य के लिए तत्पर देश के रूप में उभर रहे हैं।’’ उन्होंने भारत की इन सफलताओं का श्रेय देश के युवाओं के सामर्थ्य को दिया और बढ़ती जनभागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि पहले जो लक्ष्य असंभव माने जाते थे, भारत उन क्षेत्रों में आज बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है।

इस कड़ी में उन्होंने स्टार्टअप का उल्लेख किया और कहा कि इस क्षेत्र में भारत आज दुनिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है और इसका नेतृत्व भी देश के युवा ही कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस ‘‘युवा शिविर’’ का उद्देश्य अधिक से अधिक युवाओं को समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में शामिल करना है और ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’, ‘‘आत्मानिर्भर भारत’’, ‘‘स्वच्छ भारत’’ जैसी पहल के माध्यम से युवाओं को एक नए भारत के निर्माण में भागीदार बनाना है।