प्रधानमंत्री ने कहा, जैव-विविधता को संरक्षित रखने का संकल्प दोहराएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस धरती को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर स्थान बनाने के लिहाज से सामूहिक प्रयासों का शुक्रवार को आह्वान किया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस धरती को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर स्थान बनाने के लिहाज से सामूहिक प्रयासों का शुक्रवार को आह्वान किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, विश्व पर्यावरण दिवस पर हम अपनी पृथ्वी की समृद्ध जैव-विविधता के संरक्षण की अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं। आइए हम सामूहिक रूप से वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करें जिनसे पृथ्वी फल-फूल रही है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘काश आगामी पीढ़ियों के लिए हम एक बेहतर धरती बना पाएं।’’ मोदी ने अपने हाल के ‘मन की बात’ कार्यकम का एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष की थीम जैव-विविधता है जो आज के हालात में खासतौर से प्रासंगिक है। लॉकडाउन के कारण बीते कुछ हफ्तों में जीवन की गति जरूर कुछ धीमी पड़ी लेकिन इसने हमें हमारे आसपास प्रकृति की समृद्ध विविधता या जैव-विविधता पर आत्मनिरीक्षण का एक अवसर भी दिया।’’ उन्होंने कहा कि वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की वजह से पक्षियों की कई प्रजातियां एक तरह से लुप्त हो गई थीं लेकिन इतने वर्षों बाद लोग अपने घरों में वो सुमधुर कलरव फिर सुन सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने बरसात का पानी बचाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बारिश के पानी के संरक्षण के परंपरागत तरीके बहुत ही आसान हैं और उनकी मदद से हम पानी को बचा सकते हैं। उन्होंने लोगों से पौधारोपण करने तथा इस बारे में संकल्प लेने को भी कहा ताकि प्रकृति से हमारा रोजाना का रिश्ता बन जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी बढ़ रही है इसलिए पक्षियों के लिए पानी रखना न भूलें।

शहरी क्षेत्रों में वन आवरण बढ़ाने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत

केन्द्रीय
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के
मौके पर कहा कि शहरी क्षेत्रों में वन आवरण और फेफड़ों के काम करने की
क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। कोविड-19 के मद्देनजर ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर
ऑनलाइन एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका विषय ‘प्रकृति एवं जैव
विविधता’ था।

जावड़ेकर ने इस कार्यक्रम में भारत के 200
निगमों और शहरों के साथ मिलकर ‘नगर वन’ एक कार्यक्रम शुरू किया और लोगों से
सक्रिय रूप से भाग लेने तथा अपने क्षेत्रों में वृक्षों के आवरण को बढ़ाने
का आग्रह किया। मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारी जीवनशैली प्रकृति के साथ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में वन हैं लेकिन शहरी क्षेत्रों में उतने नहीं हैं।
हमने 200 निगमों के साथ मिलकर आज ‘नगर वन कार्यक्रम’ शुरू करने का फैसला
लिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ शहरी जंगल, शहरी फेफड़ों के
रूप में काम करेंगे। मैं लोगों से एक साथ काम करने और इसे एक जन आंदोलन
बनाने की अपील करता हूं। हम इसमें हिस्सा लेने वालों और इसे सफल बनाने वाले
लोगों को सम्मानित करेंगे। पेड़ लगाएं और उनकी संख्या बढ़ाएं क्योंकि वे
ऑक्सीजन टैंक हैं।’’ कार्यक्रम में मौजूद पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल
सुप्रियो ने कहा कि सरकार ने इस साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य तय
किया है।

सुप्रियो ने कहा, ‘‘ पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। इस
साल 145 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है। हमें वनों की रक्षा करने और
प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल को कम करने का संकल्प लेना चाहिए। धरती
माता और प्रकृति ने संकेत दिए हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।’’उन्होंने कहा कि यदि सभी लोग प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें तो इन सब परेशानियों से पार पाया जा सकता है।

First Published on: June 6, 2020 8:04 AM
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