Indian Deportation: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को डिपोर्ट किए जाने पर विपक्षी नेताओं में गहरी चिंता और गुस्सा है। इस मुद्दे पर प्रियंका गांधी से संसद भवन के बाहर एक्सक्लूसिव बातचीत की गई, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के रिश्ते पर सवाल उठाए। प्रियंका गांधी ने कहा “अगर पीएम मोदी ट्रंप के इतने अच्छे दोस्त हैं तो ऐसा क्यों होने दिया गया?” इसके बाद उन्होंने सवाल किया “हमारा जहाज क्यों नहीं जा सकता था इन भारतीयों को लेने के लिए?”।
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि ये कोई तरीका नहीं है कि इंसानों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाए कि उन्हें हथकड़ियां और बेड़ियां पहना कर भेजा गया। इस तरह की अमानवीय स्थिति का सामना करने के लिए विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।
विपक्ष ने बुधवार (5 फरवरी) को अमेरिकी डिपोर्टेशन मामले पर संसद में जमकर हंगामा किया। संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की। इस दौरान ‘सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए गए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस मामले पर सरकार को जानकारी है और ये विदेश नीति से जुड़ा हुआ मुद्दा है। इसके बाद कार्यवाही 12 बजे और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अमेरिकी डिपोर्टेशन पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस दिया था। टैगोर ने कहा “100 से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकाले जाने की खबर ने पूरे देश को हैरान कर दिया है। ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है और सरकार इस पर चुप क्यों है?” उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि भारत सरकार ने इस अमानवीय व्यवहार की निंदा अभी तक क्यों नहीं की।
संसद भवन के बाहर विपक्षी सांसदों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर समेत कई विपक्षी नेताओं ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने डिपोर्टेशन मुद्दे को और ज्यादा गरमा दिया है। विपक्ष का कहना है कि भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट करना मानवाधिकार का उल्लंघन है और इस पर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए।