जगन्नाथ मंदिर के आसपास विरासत गलियारा बनाने की परियोजना को मिली हरी झंडी

सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब की अध्यक्षता में सोमवार को हुई समिति की बैठक में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा प्रस्तावित श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दी गई।

पुरी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने 12वीं सदी के इस तीर्थस्थल के आसपास के इलाकों का पुनर्विकास करने के लिए तैयार 800 करोड़ रुपये की विरासत गलियारा परियोजना को मंजूरी दे दी है।

सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पुरी के गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब की अध्यक्षता में सोमवार को हुई समिति की बैठक में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा प्रस्तावित श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दी गई।

अब एसजेटीए इस परियोजना पर एक जून से काम शुरू होने से पहले राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और पुरी-कोणार्क विकास प्राधिकरण (पीकेडीए) से मंजूरी लेने का प्रयास करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के तहत मंदिर के अहाते के चारों ओर 75 मीटर चौड़े प्रदक्षिणा पथ का विकास व सौंदर्यीकरण, छह हजार लोगों की क्षमता के श्री जगन्नाथ स्वागत केंद्र की स्थापना एवं मंदिर के विभिन्न अनुष्ठानों से जुड़े मंदिरों एवं मठों का संरक्षण किया जाना है।

उन्होंने बताया कि मंदिर के आसपास विरासत गलियारा विकसित करने के लिए जगह हेतु जिला प्रशासन ने पहले आसपास के मठों को ध्वस्त किया था। एसजेटीए प्रमुख प्रशासक कृष्ण कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि विरासत गलियारा परियोजना को फरवरी 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

First Published on: February 16, 2021 5:36 PM
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