नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि संबंधी ‘काले कानूनों’ को पूरी तरह से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना किसानों के साथ विश्वासघात होगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।’’
काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 3, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं, इस आंदोलन के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश बता चुके हैं। ये भी कह चुके हैं कि आंदोलन करने वाले करने वाले किसान नहीं लगते। लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा।’’
भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को
👉देशद्रोही बोल चुके हैं
👉आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं
👉आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैंलेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 3, 2020
उन्होंने दावा किया, ‘‘किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।’’
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बृहस्पतिवार को अगले दौर की बातचीत होने वाली है।