राजभर ने की जेल में मुख्तार से मुलाकात, भाजपा ने कहा अखिलेश के कहने पर गये थे

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह व्यक्तिगत संबंधों के कारण बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से मिलने बांदा जेल गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अंसारी से मिलकर लौटते वक्त पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक कर काफी देर तलाशी ली।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी द्वारा मऊ में 27 अक्टूबर को आयोजित रैली में भारी जन समर्थन से डर गयी है और उन्हें परेशान कर रही है।

दूसरी तरफ भाजपा ने बुधवार को कहा कि दरअसल सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के मुखिया मुख्तार से जेल में मिलने अपने मन से नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर उनके दूत के रूप में गये थे।

ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को ‘भाषा’ को बताया, ‘मैं मंगलवार को मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास के साथ सरकारी नियमों का पालन करते हुये मुख्तार से मिलने जेल गया था। मुख्तार हमारे 19 साल पुराने दोस्त हैं और मैं जब मंत्री था तब भी उनसे पंजाब की जेल में मिलने जाया करता था।’

उन्होंने दावा किया कि जब वह दोपहर 12 बजे जेल से मुख्तार से मिलकर निकले तो बांदा के तिंदवारी के पास स्थानीय पुलिस ने जबरन उनकी गाड़ी रोककर उसकी तलाशी ली और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। राजभर ने आरोप लगाया कि उनको उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर परेशान किया गया।

पिछले महीने 27 अक्टूबर को सुभासपा की मऊ में रैली हुई थी जिसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हुये थे। राजभर का आरोप है कि उनकी रैली को मिले भारी जनसमर्थन से भाजपा नेता परेशान हो गये हैं। उन्होंने कहा, ‘हम भाजपा के दबाव से परेशान नहीं होंगे और इस बार विधानसभा चुनाव में उसे हराकर ही दम लेंगे।’

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह आगामी विधानसभा चुनाव में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को टिकट देंगे? उन्होंने कहा, ‘मुख्तार को किसी भी पार्टी के टिकट की जरूरत नहीं है वह अपने इलाके में बहुत लोकप्रिय हैं। अगर वह निर्दलीय भी चुनाव लड़े तो जीत जायेंगे।’

गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्वांचल में राजभर मतदाताओं की बड़ी आबादी है जिसमें सुभासपा का जनाधार बताया जाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह सिर्फ ओमप्रकाश राजभर और माफिया मुख़्तार अंसारी का ही मिलन नहीं।

यह तुष्टीकरण की उसी राष्ट्रघाती राजनीति का सबूत है जिसकी चर्चा अकसर भाजपा करती है। कल अखिलेश ने जिन्ना की जो तारीफ की थी, वह भी इसी की कड़ी थी। दरअसल सुभासपा के मुखिया मुख्तार से जेल में मिलने अपने मन से नहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर उनके दूत के रूप में गये थे।’’

First Published on: November 4, 2021 12:17 PM
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