नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘ओवर दी टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म’ पर कई बार किसी न किसी तरह की अश्लील सामग्री दिखाई जाती है और इस तरह के कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह सोशल मीडिया के नियमन संबंधी सरकार के हालिया दिशा-निर्देशों के बारे में शुक्रवार को जानकारी दें। इसी दिन अमेजन प्राइम की इंडिया प्रमुख अर्पणा पुरोहित की याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी।
पीठ ने कहा, ‘‘संतुलन कायम करने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री भी दिखाई जा रही है।’’
वहीं भारत सरकार ने 9 नवंबर को ऑनलाइन कंटेंट प्रदाता समेत तमाम डिजिटल न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत लाने का आदेश जारी किया था।
इनमें नेटफ़्लिक्स, हॉटस्टार, अमेज़न प्राइम वीडियो, डिज़्नी-हॉटस्टार, एमएक्स प्लेयर जैसे अन्य ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म्स और ख़बरे देने वाले डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं।
जारी हुए इस सरकारी आदेश के मुताबिक़, भारत सरकार (व्यवसाय का आवंटन) नियम, 1961 में ‘ऑनलाइन विषय-वस्तु प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए फ़िल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों’, साथ ही साथ ‘ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर समाचार एवं समसामयिक विषय-वस्तु’ को शामिल करते हुए संशोधन किया गया है।
इस फ़ैसले से यह सवाल उठने लगे हैं कि ऑनलाइन चलने वाले प्लेटफ़ॉर्म्स (ओवर-द-टॉप या ओटीटी) के साथ-साथ डिजिटल न्यूज़ मीडिया पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।