नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा में चर्चा के बिना कृषि विधि निरसन विधेयक को पारित कराए जाने को लेकर सोमवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सदन में चर्चा होती तो उसे किसानों के मुद्दों पर हिसाब और जवाब देना पड़ता।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘तीनों कृषि विरोधी काले क़ानूनों को ना पारित करते चर्चा हुई, न ख़त्म करते हुए चर्चा हुई। क्योंकि चर्चा होती तो…हिसाब देना पड़ता, जबाब देना पड़ता… खेती को मुट्ठी भर धन्ना सेठों की ड्योढ़ी पर बेचने के षड्यंत्र का। 700 से अधिक किसानों की शहादत का। फसल का एमएसपी न देने का।’’
कांग्रेस सदन में चर्चा चाहती हैं,
वो पाप पर पर्दा चाहते हैं।हंगामा नहीं ये हक की आवाज़ है,
किसान विरोधी षड्यंत्र को उजागर करने का हक़,
फसल के उचित दाम व MSP का हक़,
700 किसानों की क़ुर्बानी का जबाब माँगने का हक़,
35,000 किसानों पर फर्जी केस के विरोध का हक़,
न्याय का हक़।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2021
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 लाई थी।
करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की मुख्य मांग इन तीनों कानूनों को रद्द करना थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को पिछले दिनों इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।