कोरोना मरीजों का इलाज करना चाहता है तिहाड़ में बंद अलकायदा का संदिग्ध आतंकी, अदालत से मांगी इजाजत


आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के सदस्य रह चुके अहमद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर भारत और विदेशों में आतंकी संगठन के सदस्यों को कथित तौर पर वित्तीय और अन्य मदद मुहैया कराने का आरोप है।


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नई दिल्ली। अलकायदा का कथित तौर पर सदस्य रहे और तिहाड़ जेल में बंद एक डॉक्टर ने दिल्ली की अदालत का रुख कर कोविड-19 मरीजों के इलाज में जेल प्रशासन का सहयोग करने की अनुमति मांगी है।

विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष बुधवार को दाखिल याचिका में आरोपी सबील अहमद ने कहा है कि चिकित्सा पेशेवर के तौर पर उसके अनुभवों और विशेषज्ञता का लाभ केंद्रीय जेल में कैदियों के उपचार और कोरोना के मामलों से निपटने में लिया जा सकता है।

आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के सदस्य रह चुके अहमद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर भारत और विदेशों में आतंकी संगठन के सदस्यों को कथित तौर पर वित्तीय और अन्य मदद मुहैया कराने का आरोप है।

अहमद के वकील एमएस खान ने आरोपी को जेल प्रशासन को सहयोग प्रदान करने की अनुमति के लिए जेल अधीक्षक को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया, यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि आरोपी एमबीबीएस डॉक्टर है और उसे गंभीर मरीजों के उपचार का सात साल का अनुभव भी है।

याचिका में कहा, चिकित्सा पेशेवर के तौर पर उसके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ कोविड-19 के मामलों से निपटने और जेल के कैदियों के उपचार में किया जा सकता है। अहमद 30 जून 2007 को ब्रिटेन के ग्लासगो हवाईअड्डे पर फिदायीन हमला मामले में भी आरोपी है।

अहमद को 20 अगस्त 2020 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था और बेंगलुरु में आतंकवाद के दर्ज मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उसे हिरासत में लिया था। बाद में इस साल 22 फरवरी को मौजूदा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे हिरासत में लिया।



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