समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के बयान पर विवाद और सियासत का सिलसिला शुरू हो चुका है। महाकुंभ में हुई त्रासदी को लेकर जया बच्चन ने दावा किया कि शवों को पानी में फेंक दिया गया। अब उनके इस बयान पर अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बच्चन के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि उनके पर इसका क्या सबूत है?
समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के बयान पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, ‘जया बच्चन को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि शवों को गंगा नदी में फेंका गया। क्या उन्होंने ऐसा होते देखा? क्या वह महाकुंभ में आई थीं? उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ उतनी नहीं थी, जितनी दिखाई गई। अगर वह महाकुंभ में आई होतीं, तो उन्हें पता होता कि यहां करोड़ों श्रद्धालु कैसे जुटे हैं। उनका दावा है कि शवों को गंगा नदी में फेंका गया। क्या उन्होंने इसे साबित करने वाला कोई वीडियो देखा?। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं।’
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने जया बच्चन को डिप्रेशन का शिकार बताते हुए कहा कि उनको अपना इलाज करने की जरूरत है। वह बीमार हो गई हैं, इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रही हैं। रवींद्र पुरी ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में बचकानी बयानबाजी कतई उचित नहीं होती है।संत महात्मा जया बच्चन के पति अमिताभ बच्चन का बेहद सम्मान करते हैं।
सनातन धर्मियों ने अमिताभ बच्चन की फिल्मों और कौन बनेगा करोड़पति सीरियल को हिट कराया है। जया बच्चन ने इस तरह का विवादित बयान देकर गलत आरोप लगाए हैं और संत महात्माओं के साथ ही दूसरे सनातन धर्मियों का दिल दुखाया है। संत महात्मा भी उनके इस बयान से दुखी हैं। संत अगर दुखी होकर किसी को श्राप देते हैं तो राजा को फकीर बनने में देर नहीं लगती है।