मंत्री ने अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मनमाना रवैया और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नये आईटी नियमों का उल्लंघन किया है जिसके तहत मध्यस्थ के लिए खाते तक पहुंच को रोकने से पहले उपयोगकर्ता को नोटिस देना जरूरी है।
डीएमसीए नोटिस में समझा जाता है कि प्रसाद द्वारा किये गये 2017 ट्वीट शामिल हैं। ट्विटर ने कहा कि उसने रोक हटा दी है लेकिन संदर्भित ट्वीट को अपने पास रख लिया है।
लुमेन डेटाबेस दस्तावेज के मुताबिक डीएमसीए संबंधी नोटिस 24 मई, 2021 को भेजा गया और ट्विटर को 25 जून, 2021 को मिला। लुमेन डेटाबेस एक स्वतंत्र अनुसंधान परियोजना है जिसके तहत ट्विटर द्वारा अपनी साइट पर रोक लगायी जानी वाली सामग्री सहित अन्य का अध्ययन किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक संबंधित पोस्ट में 1971 के युद्ध की विजय वर्षगांठ के मौके पर भारतीय सेना को श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो डाला गया था। वीडियो में पृष्टभूमि में ए आर रहमान का एक गाना बज रहा था। इस पोस्ट को कथित रूप से कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन माना गया है।
ट्विटर ने कहा कि उसने प्रसाद के खाते पर लगी रोक हटा ली है लेकिन उस ट्वीट को अपने पास रोक लिया जिसको लेकर रोक लगाई गई। करीब एक घंटे बाद खाते पर लगी रोक हटा ली गयी लेकिन साथ ही चेतावनी दी गयी कि खाते के खिलाफ कोई अतिरिक्त नोटिस आने की स्थिति में उसे फिर से बंद किया जा सकता है या निलंबित किया जा सकता है।
ट्विटर को आड़े हाथ लेते हुए प्रसाद ने एक अन्य घरेलू सोशल मीडिया मंच कू पर लिखा कि ट्विटर की “निरंकुश और मनमानी कार्रवाइयों” को लेकर उन्होंने जो टिप्पणियां कीं उससे माइक्रोब्लॉगिंग साइट की झल्लाहट साफ दि्ख रही है।
प्रसाद की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता शशि थरुर ने भी ट्विटर पर लिखा कि उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। उन्होंने लिखा, “रविजी मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ ऐसा ही हुआ था। साफ तौर पर डीएमसीए अतिसक्रिय हो रहा है। ट्विटर ने मेरा यह ट्वीट इसलिए हटा दिया क्योंकि उसके वीडियो में बोनीएम कॉपीराइट किया हुआ गाना ‘रासपुतिन’ था।”
थरुर ने कहा, “सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के तौर पर मैं कह सकता हूं कि हम प्रसाद और मेरे खाते को कुछ समय के लिए बंद करने के लिए और ट्विटर के भारत में काम करते हुए नियमों एवं प्रकियाओं का पालन करने को लेकर ट्विटर इंडिया से स्पष्टीकरण मांगेंगे।”
प्रसाद ने कहा, ‘‘दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनूठा हुआ। ट्विटर ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर लगभग एक घंटे तक मेरे खाते तक पहुंच को रोका और बाद में उन्होंने मुझे खाते के उपयोग की मंजूरी दी।’’
Friends! Something highly peculiar happened today. Twitter denied access to my account for almost an hour on the alleged ground that there was a violation of the Digital Millennium Copyright Act of the USA and subsequently they allowed me to access the account. pic.twitter.com/WspPmor9Su
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 25, 2021
आईटी मंत्री के ट्विटर खाते को ऐसे समय बाधित किया गया, जब अमेरिका की दिग्गज डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर ट्विटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में अपनी मध्यस्थ की स्थिति खो दी। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वह स्वयं जवाबदेह होगी।
मंत्री ने लिखा, “ऐसा लगता है कि ट्विटर की निरंकुश एवं मनमानी कार्रवाइयों को लेकर मैंने जो आलोचना की और खासकर टीवी चैनलों को दिये साक्षात्कार के हिस्से जो साझा किये गये उसके जबर्दस्त प्रभाव से स्पष्ट तौर पर यह झल्लाहट सामने आई है।”
उन्होंने साथ ही कहा कि यह अब साफ है कि ट्विटर क्यों इंटरमिडियरी दिशानिर्देशों का पालन करने से इनकार कर रही है “क्योंकि अगर ट्विटर उनका पालन करती है तो वह अपने एजेंडा के उलट जाने वाले खातों पर मनमाने तरीके से रोक नहीं लगा पाएगी।”
प्रसाद ने कहा कि ट्विटर का कदम आईटी नियमों का घोर उल्लंघन है क्योंकि वह खाते पर रोक लगाने से पहले नोटिस देने में विफल रही।
उन्होंने कहा, “ट्विटर की कार्रवाइयों से पता चलता है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की अग्रदूत नहीं है जैसा कि वह दावा करती है बल्कि वह केवल इस धमकी के साथ अपना एजेंडा चलाना चाहती है कि उसके हिसाब से ना चलने पर वह आपको अपने मंच से मनमाने तरीके से हटा देगी।”
मंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि सोशल मीडिया मंचों को नये आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और आगाह किया कि इन नियमों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
नये आईटी नियमों में यह साफ तौर पर निर्दिष्ट है कि जब भी ऐसी कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर साझा की जाती है जो उपयोगकर्ता की खुद की नहीं है तब मध्यस्थ को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सामग्री हटाने या उस तक पहुंच रोकने से पहले वह उपयोगकर्ता को सामग्री के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का कारण स्पष्ट करते हुए अधिसूचित करेगा।
इस तरह के सभी मामलों में सोशल मीडिया मंच को उपयोगकर्ता को, की जाने वाली कार्रवाई को चुनौती देने के लिए एक उचित मौका देना पड़ेगा।
ट्विटर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि डीएमसीए की नोटिस की वजह से ही माननीय मंत्री के खाते तक पहुंच अस्थायी रूप से रोक दी गयी और संबंधित ट्वीट को रोक दिया गया। हमारी कॉपीराइट नीति के अनुसार हम किसी कॉपीराइट के मालिक एवं उनके अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हमें भेजी जाने वाली वैध कॉपीराइट शिकायतों का जवाब देते हैं।”
आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने साफ तौर पर प्रसाद के मामले में उनके अकाउंट को बंद करने से पहले आईटी नियमों के इस प्रावधान का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि ट्विटर आईटी नियमों का पालन ना करने को लेकर प्रसाद की टिप्पणियों से असहज थी और इसलिए उसने आज यह कार्रवाई की।
सूत्रों ने साथ ही कहा कि इस मामले में जिस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है, वह यह है कि भारत में अमेरिका के कॉपीराइट कानून लागू होंगे या भारत के खुद के।
उन्होंने सवाल किया कि ट्विटर जैसा एक बहुराष्ट्रीय मंच जो खुद को अभिव्यक्ति की आजादी का बड़ा समर्थक मानता है कैसे सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने के लिए भारत में अमेरिकी कानून लागू कर सकता है।
नई दिल्ली। नये आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ अपने बिगड़ते रिश्तों के बीच ट्विटर ने शुक्रवार को अमेरिकी कॉपीराइट कानून (डीएमसीए) के कथित उल्लंघन को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के खाते को कुछ समय के लिये बंद कर दिया। किसी केंद्रीय मंत्री के खाते पर इस तरह से रोक लगाने का यह पहला मामला है।