नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जामा मस्जिद प्राधिकारियों द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से कब्जे में लिए गए सार्वजनिक पार्क पर कब्जा नहीं लेने के लिए एमसीडी को फटकार लगाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर के जामा मस्जिद के पास एक सार्वजनिक पार्क पर कब्जा करने में विफलता के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाई और कोर्ट ने कहा कि आखिरकार कोई वैधानिक प्राधिकारी किसी सार्वजनिक पार्क का कब्ज़ा कैसे को सकता है?
हाईकोर्ट को एमसीडी के वकील ने बताया कि शाही इमाम, जामा मस्जिद अथॉरिटी का पार्क पर कथित तौर पर कब्जा है। पार्क अवैध रूप से उन्हीं के कब्जे में है और उन्होंने संबंधित पार्क पर ताला लगा दिया है। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि एमसीडी अधिकारियों को भी पार्क में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह भी कहा गया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड भी पार्क पर कब्जे का दावा कर रहा है। हालांकि, बोर्ड की ओर से शुक्रवार को कोई वकील पेश नहीं हुआ।
इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट ने एमसीडी के वकील से कहा, ‘यदि आप पार्क के मालिक हैं, तो आप पार्क को दिल्ली के नागरिकों के लिए सार्वजनिक ट्रस्ट में रखते… ऐसा लगता है कि आपके अधिकारी किसी और दुनिया में रह रहे हैं… आप इस तरह सार्वजनिक पार्क का कब्जा नहीं खो सकते। हम ऐसे देश में नहीं रह रहे हैं, जहां कानून का शासन नहीं है…हम 21वीं सदी में रह रहे हैं।
हाईकोर्ट ने एमसीडी को कानून के अनुसार सार्वजनिक पार्क पर कब्जा करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि एमसीडी को पुलिस सहायता की आवश्यकता होगी, तो पुलिस सहायता प्रदान की जाएगी। हाईकोर्ट मोहम्मद अर्सलान नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही था। अर्सलान ने पिछले साल जामा मस्जिद के पास दो सार्वजनिक पार्कों पर कब्जे के मुद्दे को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।