पाकिस्तान और सऊदी जैसे इस्लामिक देशों में खुले में नमाज पढ़ने के क्या हैं नियम?

भारत में सड़क पर नमाज अदा करने के मुद्दे पर सियासत गर्म है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जब सड़क पर होली खेली जा सकती है, पटाखे जलाए जा सकते हैं तो नमाज क्यों नहीं पढ़ी जा सकती। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ईद के मौके पर सभी जिलों की पुलिस को आदेश जारी किया था कि सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी और इस तरह के आयोजन निर्धारित स्थ्लों पर ही होंगे। मेरठ पुलिस ने भी इस बाबत निर्देश जारी किए थे।

सड़क पर नमाज अदा करने को लेकर सियासी बवाल पहली बार नहीं मचा है। लंबे समय से यह मुद्दा देश की सियासत में बना हुआ है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि भारत में जहां कई मुस्लिम सड़क पर नमाज अदा करने को लेकर अड़े हुए हैं तो कई इस्लामिक देशों में यह गैरकानूनी है और ऐसा करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। आज हम आपको पाकिस्तान, सऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम आबादी वाले देशों में सड़क पर नमाज अदा करने को लेकर बनाए गए नियमों के बारे में बताएंगे। यहां हम जानेंगे कि किन देशों में ऐसा करना गैरकानूनी है।

इस्लामिक देशों में सख्त है कानून

इस्लाम का उदय अरब देशों में हुआ और यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है। इसके बावजूद ज्यादातर मुस्लिम देशों में सड़क पर या खुले में नमाज अदा करना गैरकानूनी है और इसको लेकर सख्त कानून है। कोई व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया जाता है तो इस पर भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई, जिससे सड़कों पर कोई भी धार्मिक गतिविधि न हो और ट्रैफिक में भी व्यवधान उत्पन्न न हो।

इंडोनेशिया में नहीं पढ़ी जाती खुले में नमाज

इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां 8 लाख से ज्यादा मस्जिदें हैं। इसके बाजवूद यहां सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाती। मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग मस्जिदों में ही नमाज पढ़ते हैं। इतना ही नहीं इंडोनेशिया में लोगों की परेशानी को देखते हुए यहां की सरकार ने नमाज के दौरान लाउडस्पीकर की आवाज को भी कम रखने के निर्देश दिए थे।

यूएई में भी नहीं पढ़ी जाती सड़क पर नमाज

संयुक्त अरब अमीरात में भी सड़क पर नमाज अदा करना गैरकानूनी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सड़क पर गाड़ी रोककर नमाज अदा करने वालों पर यहां का प्रशासन मोटा जुर्माना लगाता है। यहां ऐसा करने वालों में 500 दिरहम का जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा सऊदी अरब प्रशासन ने मस्जिदों के बाहरी लाउडस्पीकरों पर भी रोक लगा रखी है। यहां तक कि सऊदी अरब, कतर, पाकिस्तान, कुवैत जैसे देशों में भी सड़क पर नमाज अदा नहीं की जाती है।

First Published on: April 1, 2025 5:18 PM
Exit mobile version