पुस्तक मेले में साहित्य अकादेमी के स्टॉल पर उमड़ी साहित्य प्रेमियों की भीड़

रमण कुमार सिंह ने लड़कियां लगाती हैं फूल, दंगे के बाद का दृश्य आदि कविताएं प्रस्तुत की तो बलविंदर सिंह बराड़ ने अपनी कहानी जस्ट फ्रेंडस प्रस्तुत की जो वैवाहिक संबंधों पर आधारित थी।

नई दिल्ली। नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के दूसरे दिन रविवार और अच्छे मौसम के कारण पुस्तक प्रेमियों की भीड़ उमड़ी। साहित्य अकादेमी के हिंदी स्टॉल और विभिन्न भारतीय भाषाओं के लिए तैयार स्टॉल पर साहित्य प्रेमियों ने जमकर खरीददारी की। इन स्टॉलों पर अकादेमी के बाल साहित्य और यहां से प्रकाशित पत्रिकाओं के नए पुराने अंकों की भी भारी मांग देखी गई।

अकादेमी द्वारा साहित्य मंच (बहुभाषी रचना पाठ) कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात हिंदी कथाकार विवेक मिश्र ने की और मिताली फूकन (असमिया) रमण कुमार सिंह (मैथिली) बलविंदर सिंह बराड़ (पंजाबी) सालिम सलीम (उर्दू ) ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सर्वप्रथम मिताली फूकन ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की। पहले उन्होंने असमिया भाषा में एक कविता प्रस्तुत की और फिर हिंदी में अनूदित डायरी और कैंसर शीर्षक से मार्मिक कविताएं प्रस्तुत की।

रमण कुमार सिंह ने लड़कियां लगाती हैं फूल, दंगे के बाद का दृश्य आदि कविताएं प्रस्तुत की तो बलविंदर सिंह बराड़ ने अपनी कहानी जस्ट फ्रेंडस प्रस्तुत की जो वैवाहिक संबंधों पर आधारित थी।

सालिम सलीम ने अपने शेर और ग़ज़ल से सभी का ध्यान खींचा अंत में विवेक मिश्र ने अपनी छोटी कहानी जुले प्रस्तुत की जो लद्दाख के अनुभव पर आधारित थी और भाषाओं की विविधता और उसमें निहित एकता को प्रदर्शित करती थी।

First Published on: February 12, 2024 9:05 AM
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