नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित ‘पुस्तकायन’ पुस्तक मेले के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही दो साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। पहला साहित्यिक कार्यक्रम ‘आदिवासी लेखक सम्मेलन’ एवं दूसरा आयोजन ‘गीत संध्या’ का था। ‘आदिवासी लेखक सम्मेलन’ की अध्यक्षता प्रख्यात संताली लेखिका यशोदा मुर्मू ने की और जिम. डब्ल्यू कसोम (ताङखुल) तथा प्रिस्का टोप्पो (कुडुख) ने अपनी कविताएँ हिंदी अनुवाद के साथ प्रस्तुत कीं, जो आदिवासी समुदाय की मनोदशा को रूपांकित करने वाली थी।
गीत संध्या राजेंद्र गौतम की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें जगदीश पंकज, कल्पना मनोरमा, ओम निश्चल, विजयकिशोर मानव ने अपने-अपने गीत प्रस्तुत किए। सभी गीतों में आमजन की वर्तमान समय-विरोधी छवियों को प्रस्तुत किया गया था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सायं चार बजे अभिज्ञा बेडतूर ने वायलिन वादन प्रस्तुत किया, जिसमें तबले पर संगत रोमान खान ने दी। उसके बाद कनिका भट्ट ने भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया। उनके नृत्य में दो विभिन्न भावों – कृष्ण का वात्सल्य और दुर्गा के रौद्र रूप को प्रस्तुत किया गया था, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। दोनों ही कलाकार सीसीआरटी की छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं।
कल साहित्यिक कार्यक्रम के अंतर्गत अस्मिता-कवयित्री सम्मिलन एवं ग़ज़ल संध्या का आयोजन किया गया है, जिनकी अध्यक्षता क्रमश: यशोधारा मिश्र एवं ज्ञानप्रकाश विवेक करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत आध्या सिंह का नगाड़ा वादन और संभवी महेश का ओड़िसी नृत्य की प्रस्तुति सायं 4.00 बजे से होगी।
ज्ञात हो कि यह पुस्तक मेला साहित्य अकादेमी परिसर में 15 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व अन्य भारतीय भाषाओं के 40 से अधिक स्टॉल लगे हैं और उनमें पुस्तकें आकर्षक छूट पर उपलब्ध हैं।