साक्षी को नियमित मुकाबले में 3—2 से विजेता घोषित किया गया था लेकिन कजाखस्तान की टीम ने इस फैसले को चुनौती दी और समीक्षा के बाद जजों ने अपना निर्णय बदल दिया।
एशियाई मुक्केबाज परिसंघ ने घोषणा की, ‘कजाखस्तान की डिना झोलमन ने महिलाओं के बैंथमवेट (54 किग्रा) में भारत की साक्षी चौधरी को हराया। ‘ झोलमन को गुरुवार की रात को मुकाबले समाप्त होने के बाद जारी किये गये आधिकारिक परिणाम में विजेता घोषित किया गया।
भारतीय दल के सूत्रों ने पीटीआई—भाषा को बताया, ‘कजाखस्तान की टीम ने तीसरे दौर की समीक्षा करने को कहा जिसमें उन्हें लग रहा था कि फैसला उनकी मुक्केबाज के पक्ष में जाना चाहिए था। समीक्षा के दौरान ज्यूरी ने उनकी दलील को सही पाया और मूल फैसले को पलट दिया। ‘ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने 2019 में मुकाबले की समीक्षा प्रणाली को लागू किया था।
पराजित होने वाले मुक्केबाज के टीम मैनेजर और मुख्य कोच को फैसला घोषित किये जाने के बाद अपना विरोध दर्ज करने के लिये 15 मिनट का समय मिलता है तथा इसकी कागजी कार्रवाई अगले 30 मिनट में करनी होती है।
इस प्रणाली में 5—0 या 4—1 से जीत के फैसलों की समीक्षा नहीं की जा सकती है। प्रत्येक टीम को समीक्षा के लिये दो मौके मिलते हैं लेकिन चुनौती सफल होने के बाद इनमें कटौती नहीं की जाती है।
इस फैसले के बाद फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय महिला मुक्केबाजों की संख्या घटकर चार रह गयी है।
छह बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकॉम (51 किग्रा), लालबुआतसीही (64 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा) और अनुपमा (81 किग्रा से अधिक) ने गुरुवार को अपने-अपने मुकाबले जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था।
इनमें से पूजा को अपनी प्रतिद्वंद्वी के हटने के कारण वाकओवर मिला था।
दुबई। साक्षी चौधरी (54 किग्रा) को एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना फाइनल का स्थान गंवाना पड़ा क्योंकि कजाखस्तान की उनकी प्रतिद्वंद्वी और शीर्ष वरीयता प्राप्त डिना झोलमन ने सेमीफाइनल में भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में दिये गये फैसले को चुनौती दी थी जिसके बाद इसे पलट दिया गया।