एटीके मोहन बागान हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखेगा

एटीके मोहन बागान के बोर्ड ने फुटबॉल क्लब की 131 वर्षीय विरासत का पर्याय बनी हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को बोर्ड की बैठक में क्लब का नाम बदलकर एटीके मोहन बागान कर दिया गया, जबकि लोगो (प्रतीक चिह्न) में मोहन बागान की पहचान ‘नाव’ बरकरार है और उसके पास ‘एटीके’ शब्द लिख दिया गया है।

कोलकाता। एटीके मोहन बागान के बोर्ड ने फुटबॉल क्लब की 131 वर्षीय विरासत का पर्याय बनी हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को बोर्ड की बैठक में क्लब का नाम बदलकर एटीके मोहन बागान कर दिया गया, जबकि लोगो (प्रतीक चिह्न) में मोहन बागान की पहचान ‘नाव’ बरकरार है और उसके पास ‘एटीके’ शब्द लिख दिया गया है।

आई-लीग टीम मोहन बागान और आईएसएल टीम एटीके के गठजोड़ से बने इस नये क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘उस संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखा गया है जिसने ब्रांड को एक घरेलू नाम बनाया है। लोगो में भी इस पहचान को बरकरार रखा गया है।’’ क्लब ने बंगाल में एक विश्व स्तरीय फुटबॉल अकादमी बनाने और मोहन बागान की मौजूदा सुविधाओं को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा की ताकि आईएसएल और एएफसी टूर्नामेंट के घरेलू मुकाबले यहां खेले जा सके।

मोहन बागान में 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले टीम के प्रमुख मालिक संजीव गोयनका ने कहा, ‘‘मोहन बागान बचपन से ही मेरे दिल के करीब रहा है। मुझे हरे और लाल रंग की जर्सी में उनके बेहतरीन फुटबॉल के खेल का लुत्फ उठाने का सम्मान मिला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने विरासत का सम्मान करते हुए उसी जर्सी को बरकरार रखा है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी पसंद किया गया।’’

गोयनका ने कहा, ‘‘मेरा सपना एटीके मोहन बागान को विश्व स्तर की टीम के रूप में स्थापित करना है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाये।’’ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और एटीके के सह-मालिक एवं बोर्ड निदेशक सौरव गांगुली ने भी 30 मिनट से कम समय तक चली इस ऑनलाइन बैठक में भाग लिया। क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘मैं एटीके और मोहन बागान के एक साथ आने को सैल्यूट करता हूं। ब्रांड नाम एटीके मोहन बागान इतिहास बनाएगा।’’

First Published on: July 10, 2020 2:49 PM
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