सिडनी । आस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने सोमवार को अपने लिये सबसे खराब दिनों में एक करार दिया क्योंकि उन्होंने तीन कैच छोड़कर अपनी टीम को निराश किया और एक तरह से तीसरा टेस्ट मैच ड्रा करवाने में भारत की मदद की।
भारत के सामने 407 रन का लक्ष्य था और उसने पांच विकेट पर 334 रन बनाकर मैच ड्रा करवाया। पेन ने कहा कि उन्होंने विकेट के पीछे अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
पेन ने ऋषभ पंत के दो कैच छोड़े जिन्होंने 97 रन की प्रवाहमय पारी खेली और भारत की जीत की उम्मीद जगायी। इसके बाद उन्होंने हनुमा विहारी को भी जीवनदान दिया जो 23 रन बनाकर नाबाद रहे और रविचंद्रन अश्विन (नाबाद 39) के साथ मिलकर मैच ड्रा कराया।
पेन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘निश्चित तौर पर इस परिणाम में छोड़े गये कैच की भूमिका भी अहम रही। परिणाम किसी के पक्ष में भी जा सकता था लेकिन मैं बहुत निराश हूं। मुझे अपनी विकेटकीपिंग पर गर्व है। मेरे लिये आज का दिन सबसे बुरे दिनों में से एक था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह भयावह अहसास है यह जानते हुए कि हमारे तेज गेंदबाजों और हमारे स्पिनर (नाथन लियोन) ने अपनी जीजान लगा दी थी। मुझे निश्चित तौर पर लग रहा है कि मैंने उन्हें निराश किया। ’’
उन्होंने ब्रिसबेन में होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के संदर्भ में कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करना होगा लेकिन मुझे अगले सप्ताह एक और मौका मिलेगा इसलिए अब आगे के बारे में सोचते हैं। ’’ अश्विन जब बल्लेबाजी कर रहे थे तो पेन की उनके साथ झड़प भी हुई। आस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि यह खेल का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब खेल चल रहा था तो थोड़ा बहस हुई थी। वे समय बर्बाद कर रहे थे, हम थोड़ा निराश हो रहे थे, हमने उसे बताया तो उसने भी बात की और यह खेल का हिस्सा है। कुछ भी गलत नहीं हुआ। ’’
पेन ने कहा कि भारत ने कड़ा संघर्ष किया और वह इस परिणाम का हकदार था। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम मैच जीतना चाहते थे। हमने पर्याप्त मौके बनाये। हमारे लिये मैच में कई सकारात्मक पहलू रहे। यह टेस्ट क्रिकेट का शानदार मैच था। ’’
पेन ने कहा, ‘‘हम जैसा समझते थे भारत ने वैसे ही कड़ा संघर्ष किया। हम जीत हासिल न करके निराश हैं लेकिन मेलबर्न टेस्ट के बाद हमारे लिये कुछ अच्छे पहलू भी रहे। ’’