इंग्लैंड की महिला क्रिकेट की प्रमुख क्लेयर कोनोर का कहना है कि अगर खेल के दीर्घकालीन भविष्य को बचाने में मदद मिलती है तो वह स्वीकार करेंगी कि इस सत्र में इंग्लैंड की पुरुष टीम प्राथमिकता है।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टाम हैरिसन ने मंगलवार को कहा था कि अगर सत्र में कोई खेल नहीं होता है तो संचालन संस्था को 38 करोड़ पाउंड का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इंग्लैंड के सत्र की शुरुआत को कम से कम एक जुलाई तक टाला जा चुका है और हैरिसन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता पुरुष टीम के अंतरराष्ट्रीय मैचों को बचाना है।
इंग्लैंड की महिला टीम को भारत के खिलाफ घरेलू श्रृंखला खेलनी है जो जून में होनी थी लेकिन स्थगित कर दी गई है। इसके अलावा टीम को सितंबर में दक्षिण अफ्रीका से खेलना है।
ईसीबी की महिला क्रिकेट की प्रबंध निदेशक कोनोर ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर इन गर्मियों में अंतरराष्ट्रीय महिला टीम के सभी मैच नहीं होते हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय पुरुष टीम के अधिकतर मुकाबले होते हैं तो इससे 38 करोड़ पाउंड के नुकसान में कमी आएगी और हमें इसे स्वीकार करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे खेल को बचाने की कवायद में वित्तीय जरूरतें इस पर निर्भर करती हैं कि अंतरराष्ट्रीय पुरुष टीम के अधिकतर मैच हों।’’
कोनोर ने कहा, ‘‘दीर्घकालीन भविष्य को बचाने के लिए अगर इन गर्मियों में हमें कम अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खेलना पड़ा तो संभवत: हमें यह नुकसान उठाना पड़ेगा।’’
इंग्लैंड की पूर्व कप्तान कोनोर ने हालांकि कहा कि वह भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैचों को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगी।