RCB के खराब प्रदर्शन पर गौतम के “गंभीर” बोल, अब कोहली को कप्तानी से हटाने का समय

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज और दो बार इंडियन प्रीमियर लीग चैम्पियन टीम का हिस्सा रहे गौतम गंभीर का मानना है कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान के रूप में विराट कोहली के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि अब यह जवाबदेही का भी सवाल है।

अपनी बातों को बेबाक तरीके से रखने के लिए पहचाने जाने वाले गंभीर ने कहा कि कप्तान के रूप में कोहली का नाम दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा के साथ नहीं लिया जाना चाहिये। ये दोनों आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हैं।

‘ईएसपीनक्रिकइंफो’ के मुताबिक गंभीर से जब पूछा गया कि क्या आरसीबी को कोहली को कप्तानी के दायित्व से मुक्त कर देना चाहिये तो उन्होंने कहा, शत-प्रतिशत, क्योंकि अब बात जवाबदेही के बारे में है। टूर्नामेंट में आठ साल (खिताब के बिना) एक लंबा समय है।

भारत के टी20 विश्व कप और एक दिवसीय विश्व कप जीतने वाली टीम के नायक रहे पूर्व खिलाड़ी ने कहा, आप मुझे कोई अन्य कप्तान के बारे बताइए, कप्तान को छोड़िये, मुझे किसी अन्य खिलाड़ी के बारे में बताइए, जो आठ वर्षों तक किसी टीम के साथ रहने के बाद भी खिताब नहीं जीता और फिर भी टीम के साथ बना हुआ है।

अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स को 2012 और 2014 में आईपीएल चैम्पियन बनाने वाले गंभीर ने ‘टाइम आउट’ कार्यक्रम में कहा, कोई तो जवाबदेही होनी चाहिये। गंभीर पिछले कुछ वर्षों में कोहली के आईपीएल नेतृत्व के आलोचक रहे हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है।

गंभीर ने इसके बाद किंग्स इलेवन पंजाब के पूर्व कप्तान रविचंद्रन अश्विन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘आठ साल (कोहली की कप्तानी) काफी लंबा समय होता है। अश्विन को देखिये उनके साथ क्या हुआ। वह दो साल कप्तान रहे लेकिन टीम ने प्रदर्शन नहीं किया तो उन्हें हटा दिया गया।

उन्होंने कहा, हम धोनी, रोहित और कोहली की कप्तानी को लेकर बात करते है लेकिन यह कहीं से उचित नहीं है। धोनी ने तीन खिताब जीते हैं, रोहित ने चार खिताब हासिल किये हैं। उन्होंने परिणाम दिये हैं इसलिए वे इतने लंबे समय से कप्तान हैं।

उन्होंने कहा कि आरसीबी ऐसी टीम बन गयी है जो सिर्फ दो खिलाड़ियों कोहली और एबी डिविलियर्स के आस-पास घूमती है। इसमें भी इस साल सिर्फ डिविलियर्स ही मैच जिताऊ प्रदर्शन कर सके। सोचिए अगर डिविलियर्स के लिए यह सत्र अच्छा नहीं होता तो आरसीबी का क्या हाल होता।