87 साल में पहली बार रणजी ट्रॉफी नहीं, सिर्फ खेली जायेगी हजारे ट्रॉफी

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव शाह रणजी ट्रॉफी का आयोजन चाहते थे क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को अधिकतम मैच फीस (प्रति मैच करीब डेढ लाख रूपये) मिलती है, लेकिन कोरोना महामारी के बीच दो चरण में इसके आयोजन के लिये दो महीने का बायो बबल बनाना संभव नहीं था।

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड 87 साल में पहली बार अपने प्रमुख प्रथम श्रेणी घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं करेगा जबकि विजय हजारे ट्रॉफी खेली जायेगी क्योंकि प्रदेश ईकाइयां इसका आयोजन चाहती हैं।

बीसीसीआई पहली बार अंडर 19 राष्ट्रीय वनडे टूर्नामेंट वीनू मांकड़ ट्रॉफी और महिला राष्ट्रीय वनडे टूर्नामेंट का भी आयोजन करेगा। बोर्ड सचिव जय शाह ने प्रदेश ईकाइयों को लिखे पत्र में यह जानकारी दी।

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव शाह रणजी ट्रॉफी का आयोजन चाहते थे क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को अधिकतम मैच फीस (प्रति मैच करीब डेढ लाख रूपये) मिलती है , लेकिन कोरोना महामारी के बीच दो चरण में इसके आयोजन के लिये दो महीने का बायो बबल बनाना संभव नहीं था।

शाह ने पत्र में लिखा, ‘‘मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हम सीनियर महिला वनडे टूर्नामेंट, विजय हजारे ट्रॉफी और अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॅाफी का आयोजन कर रहे हैं। घरेलू सत्र 2020. 21 को लेकर आपका फीडबैक मिलने के बाद यह फैसला लिया गया।’’

शाह ने यह भी बताया कि कोरोना काल में घरेलू कैलेंडर तैयार करना कितना मुश्किल था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम पहले ही काफी समय गंवा चुके हैं और सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखकर क्रिकेट कैलेंडर तैयार करना काफी कठिन था।’’

बीसीसीआई ने अपनी एजीएम में तय किया था कि सत्र छोटा होने पर खिलाड़ियों को क्षतिपूर्ति की जायेगी। समझा जाता है कि बोर्ड इस दिशा में कोई उपाय करेगा ताकि घरेलू क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति पर असर नहीं पड़े।

शाह ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट के आयोजन के लिये प्रदेश ईकाइयों को धन्यवाद भी दिया।

First Published on: January 30, 2021 4:20 PM
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