साहा और पंत दोनों के साथ भारतीय टीम प्रबंधन ने नाइंसाफी की : गंभीर


‘‘ पंत और साहा दोनों के साथ काफी समय से नाइंसाफी हो रही है। हालात के अनुरूप उन्हें चुना जाता है।  विकेटकीपरों के साथ ऐसा नहीं किया जाता, ऐसा गेंदबाजों के साथ होता है।’’


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नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने खिलाड़ियों में ‘असुरक्षा’ पैदा कर दी है और रिधिमान साहा तथा ऋषभ पंत के बीच रोटेशन का फैसला दोनों विकेटकीपरों के लिये ‘अनुचित’ है ।

एडीलेड में पहले टेस्ट में खराब फार्म में रहे साहा को मेलबर्न में दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया है। गंभीर ने सवाल दागा कि अगर पंत अगले दो मैचों में नाकाम रहते हैं तो क्या उनके साथ भी यही सलूक किया जायेगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि साहा ने श्रृंखला में बस एक टेस्ट खेला और उसे बाहर कर दिया गया ।’’

उन्होंने यूट्यूब चैनल ‘ स्पोटर्स टुडे’ पर कहा ,‘‘ अगर पंत दूसरे और तीसरे टेस्ट में अच्छा नहीं खेल सका तो क्या करेंगे । क्या फिर साहा को टीम में रखा जायेगा ।’’

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कथनी से नहीं बल्कि करनी से सुरक्षित महसूस करते हैं जो मौजूदा टीम प्रबंधन नहीं करा सका है ।

उन्होंने कहा ,‘‘यही वजह है कि टीम अस्थिर लग रही है क्योंकि किसी में भी सुरक्षा का भाव नहीं है । पेशेवर खेल में सुरक्षा का भाव काफी जरूरी है। देश के लिये ख्रेलने वाला हर खिलाड़ी प्रतिभाशाली होता है ।’’

गंभीर ने कहा ,‘‘ उन्हें सुरक्षा और आश्वासन की जरूरत होती है कि वक्त पड़ने पर प्रबंधन उनका साथ देगा ।’’

उन्होंने कहा कि भारत के अलावा कोई भी विकेटकीपरों को रोटेट नहीं करता ।

उन्होंने कहा ,‘‘ पंत और साहा दोनों के साथ काफी समय से नाइंसाफी हो रही है। हालात के अनुरूप उन्हें चुना जाता है।  विकेटकीपरों के साथ ऐसा नहीं किया जाता, ऐसा गेंदबाजों के साथ होता है।’’



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