जरूरतमंद पूर्व खिलाड़ियों की मदद करता रहेगा मंत्रालय : रीजीजू

एथलेटिक्स के पूर्व कोच बहादुर सिंह को आनलाइन विदाई में उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे बहुत बुरा लगता है जब पूर्व खिलाड़ियों के पास इलाज के लिये पैसे नहीं होते या वे बहुत खराब स्थिति में होते हैं । जहां तक हो सकता है , हम सभी पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों की आर्थिक मदद की कोशिश करेंगे ।’’

नयी दिल्ली। खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को कहा कि मंत्रालय जरूरतमंद पूर्व खिलाड़ियों की आर्थिक मदद करता रहेगा क्योंकि देश के लिये खेलते समय उन्होंने जो समर्पण दिखाया है, उसके लिये वे सम्मान और गरिमा के हकदार हैं। खेल मंत्रालय बैंकाक एशियाई खेल 1998 के स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज डिंको सिंह को वित्तीय सहायता दे रहा है। एथलेटिक्स के पूर्व कोच बहादुर सिंह को आनलाइन विदाई में उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे बहुत बुरा लगता है जब पूर्व खिलाड़ियों के पास इलाज के लिये पैसे नहीं होते या वे बहुत खराब स्थिति में होते हैं । जहां तक हो सकता है , हम सभी पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों की आर्थिक मदद की कोशिश करेंगे ।’’

रीजीजू ने कहा ,‘‘ कई एथलीटों ने पदक जीते और सफलता हासिल की और उनकी व्यवसायिक कीमत भी बहुत है । वहीं ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने देश के खेलों को अपना जीवन दे दिया लेकिन किन्हीं कारणों से सफल नहीं हो सके । समाज ने भी उन्हें भुला दिया ।’’

रीजीजू ने कहा ,‘‘ हम उन खिलाड़ियों की मदद करते रहेंगे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व किया है लेकिन खराब माली हालत से जूझ रहे हैं ।’’ बहादुर सिंह ने 30 जून को एथलेटिक्स क मुख्य कोच का पद छोड़ा चूंकि मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग राष्ट्रीय शिविरों में कोचिंग स्टाफ में नहीं रह सकते । रीजीजू ने उन्हें भारतीय खेलों की महान हस्ती करार देते हुए कहा कि उनके संन्यास से एक युग का अंत हो रहा है । उन्होंने कहा ,‘‘ शीर्ष खिलाड़ी के रूप में दो दशक , एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में स्वर्ण पदक और करीब तीन दशक बतौर कोच , यह उपलब्धियां अद्वितीय हैं । आप भविष्य में भी भारतीय खेल जगत को प्रेरित करते रहेंगे ।’’ बहादुर सिंह ने पदक विजेता एथलीट देने के लिये पूरे भारतीय एथलेटिक्स समुदाय की प्रशंसा की ।

उन्होंने कहा ,‘‘ भारत अगर एशियाई एथलेटिक्स मे अग्रणी देश बनकर उभरा है तो यह एथलीटों, कोचों, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ, साइ और खेल मंत्रालय का मिला जुला प्रयास है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन अगर हमारे स्कूल बच्चों को खेलने दें और सुविधायें दे तो भारत वैश्विक शक्ति बन सकता है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हम अपने खिलाड़ियों को तैयारियों के लिये विदेश भेजने में काफी पैसा खर्च करते हैं जब यहां मौसम ट्रेनिंग के अनुकूल नहीं होता । भारत में इनडोर सुविधाओं की बहुत जरूरत है।’’

भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा ,‘‘ बहादुर जी ने एएफआई में एक संस्कृति का विकास किया । उम्मीद है कि खिलाड़ी उनका अनुसरण करेंगे ।’’ भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, आईओए महासचिव राजीव मेहता, पूर्व महासचिव रणधीर सिंह, पूर्व खिलाड़ी पी टी उषा, अंजू बॉबी जार्ज और श्रीराम सिंह , मौजूदा एथलीट हिमा दास और एम आर पूवम्मा ने भी उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनायें दी ।

First Published on: July 12, 2020 2:24 PM
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