टी20 विश्व कप: खराब फॉर्म से जूझ रही भारतीय टीम का सामना अफगानिस्तान से, टीम संयोजन पर नजरें

भाषा भाषा
खेल Updated On :

अबुधाबी। खराब फॉर्म से जूझ रही भारतीय क्रिकेट टीम टी20 विश्व कप में अपने अभियान को ढर्रे पर लाने की कोशिश में बुधवार को अफगानिस्तान से खेलेगी तो सभी की नजरें टीम संयोजन पर लगी होंगी और देखना यह है कि अंतिम एकादश से लगातार बाहर सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मौका मिलता है या नहीं ।

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से करारी हार के बाद भारतीय टीम की सेमीफाइनल की राह काफी कठिन हो गई है । दूसरी ओर अफगानिस्तान ने स्कॉटलैंड और नामीबिया को हराने के अलावा पाकिस्तान को हार की कगार तक पहुंचा दिया था लेकिन आसिफ अली ने एक ओवर में चार छक्के लगाकर उनसे जीत छीन ली ।

अब मोहम्मद नबी और राशिद खान टी20 लीग में खेलने के अपने सारे अनुभव का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करना चाहेंगे ताकि अपनी टीम का दावा मजबूत कर सकें ।

इस प्रारूप में आखिरी तीन मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी करने जा रहे कोहली से बेहतर टीम चयन की उम्मीद होगी । अश्विन जैसे गेंदबाज को बाहर रखने के फैसले पर बार बार सवाल उठ रहे हैं ।

विश्व क्रिकेट में यह कभी सुनने में नहीं आया कि मौजूदा पीढी के सबसे कामयाब खिलाड़ियों में से एक को छह महीने से टीम में शामिल करने के बावजूद अंतिम एकादश में मौका नहीं दिया जा रहा । चार साल बाद उन्हें सीमित ओवरों की टीम में शामिल किया गया और सूत्रों की मानें तो कोहली इसके पक्ष में नहीं थे ।

उन्हें अंतिम एकादश में मौका नहीं देने के कोहली के फैसले को क्रिकेट हलकों में जिद माना जा रहा है । वरूण चक्रवर्ती की नाकामी ने साबित कर दिया है कि अनुभव के क्या मायने होते हैं ।हुनर और प्रतिभा के मामले में भारत का कोई भी मौजूदा स्पिनर अश्विन के आसपास भी नहीं है । उनके खिलाफ एक ही बात है कि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से चार साल पहले टीम से बाहर हुए ।

अब भारत को टूर्नामेंट में वजूद बनाये रखने के लिये अफगानिस्तान के खिलाफ उनके अनुभव की जरूरत है । अफगानिस्तान के सलामी बल्लेबाज हजरतुल्लाह जजाइ और मोहम्मद शहजाद उनकी गेंदों का सामना शायद नहीं कर सकेंगे ।

कोहली अगर एक बार फिर अश्विन की अनदेखी करते हैं तो बाहरी और भीतरी आवाजें उठनी शुरू हो जायेंगी कि इस फैसले का कारण क्रिकेट से जुड़ा तो नहीं है ।

अफगानिस्तान के लिये नयी गेंद संभालने वाले हामिद असन और नवीनुल हक अपना दिन होने पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन केएल राहुल और रोहित शर्मा की चुनौती उनके लिये कठिन होगी । दो खराब मैचों के बाद रोहित और राहुल वापसी की कोशिश में होंगे ।

सूर्यकुमार यादव फिट होने पर खेलेंगे और ईशान किशन को भी हार्दिक पंड्या की जगह उतारा जा सकता है । पंड्या दो मैचों में 35 गेंद में 31 रन ही बना सके ।

अफगानिस्तान के खिलाफ राशिद और गुलबदीन नाइब के बीच के ओवर अहम होंगे जिन्हें संभलकर खेलना होगा ।

यह ऐसा मैच है जिसमें जीतने पर भारत को कोई श्रेय नहीं मिलेगा और हारने पर आलोचना के स्वर और मुखर हो जायेंगे और कप्तान कोहली इससे अनभिज्ञ नहीं ।



Related