सुशील के खिलाफ आरोपों से भारतीय कुश्ती की छवि को नुकसान पहुंचा: WFI

भाषा भाषा
खेल Updated On :

नई दिल्ली। सुशील कुमार जब अपने खेल के शीर्ष पर थे तो उन्होंने अकेले दम पर भारतीय कुश्ती को बुलंदियों पर पहुंचाया लेकिन अब जब पुलिस हत्या के मामले में जब उनकी तलाश कर रही है और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ है तो तो खेल की छवि को भी उतना ही नुकसान पहुंचा है जितना इस पहलवान की छवि को पहुंचा है।

सुशील की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता ने खेल को नई बुलंदियों तक पहुंचाया और प्रेरणादायी विरासत तैयार की। बापरोला गांव का यह पहलवान इस खेल में अब तक भारत का एकमात्र विश्व चैंपियन (2010) है। वह एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है जिसके नाम पर दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक दर्ज हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) हालांकि अब चिंतित हैं कि वर्षों में सुशील सहित अन्य पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रदर्शन से खेल की जो प्रतिष्ठा बनाई है उसे नुकसान पहुंचा है।

डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, मुझे यह कहना चाहिए कि इससे भारतीय कुश्ती की छवि को बेहद नुकसान पहुंचा है। पहलवान मैट से बाहर क्या करते हैं इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। हम मैट पर उनके प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं। बीजिंग ओलंपिक 2008 में सुशील के कांस्य पदक के साथ भारत ने कुश्ती में ओलंपिक पदक के 56 साल के सूखे को खत्म किया था।

सुशील की इस उपलब्धि से कुश्ती को काफी फायदा हुआ और इसके बाद भारत के लिए योगेश्वर दत्त, गीता, बबीता और विनेश फोगाट, रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं बजरंग पूनिया, रवि दाहिया और दीपक पूनिया ने शानदार प्रदर्शन किया।

कुश्ती जगत हालांकि अब स्तब्ध है क्योंकि पुलिस ने सोमवार को सुशील के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी कर दिया क्योंकि यह पहलवान झड़प में युवा पहलवान की मौत के बाद से गायब है।

यह घटना उस समय हुई जब भारत ओलंपिक में कुश्ती में अब तक के अपने सर्वाधिक आठ कोटे हासिल करने का जश्न मना रहा है। भारतीय पहलवानों से तोक्यो ओलंपिक में उनके अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। पुलिस चार मई को झड़प में सुशील की भूमिका का पता चला रही है। छत्रसाल स्टेडियम के बाहर हुई इस झड़प में 23 साल के सागर राणा की मौत हो गई थी।

सुखविंदर ने कथित तौर पर मलिक के साथ निजी दुश्मनी के कारण पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और बाद में दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर उसे नयी दिल्ली से गिरफ्तार किया था।