
तोक्यो। भारत के अठारह वर्षीय प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल करते हुए पुरूषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रजत पदक जीता। जिससे तोक्यो पैरालंपिक खेलों में देश के पदकों की संख्या 11 तक पहुंच गयी है।
इसी के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए प्रवीण कुमार की कड़ी मेहनत और खेल में उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पैरालंपिक में रजत पदक जीतने वाले प्रवीण कुमार पर गर्व है। यह पदक उनकी कड़ी मेहनत और अद्वितीय समर्पण का नतीजा है। उन्हें बधाई। भविष्य के लिये उन्हें शुभकामनायें।’’
Proud of Praveen Kumar for winning the Silver medal at the #Paralympics. This medal is the result of his hard work and unparalleled dedication. Congratulations to him. Best wishes for his future endeavours. #Praise4Para
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2021
वहीं कुमार इस स्पर्धा में ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे, जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी। टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर का विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है।
भारत का तोक्यो पैरालंपिक में प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होने वाला है जिसमें देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीत लिये हैं।