नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 28 अगस्त को होने वाले एशिया कप टी20 क्रिकेट मैच पर सभी की नजरें हैं लेकिन पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों से इसे महज एक क्रिकेट मैच की तरह लेने का आग्रह किया है ।
एशिया कप 27 अगस्त से शुरू होगा और अगले दिन खिताब की प्रबल दावेदार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने होंगी ।
अकरम ने एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ सभी की नजरें इसी मैच पर लगी है क्योंकि लोगों को इन दोनों टीमों को आपस में खेलते देखने की आदत नहीं है लिहाजा उन्हें इस मैच का इंतजार है । ’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं दोनों देशों के क्रिकेटप्रेमियों से अनुरोध करना चाहता हूं कि इसे सिर्फ एक क्रिकेट मैच की तरह ही लें जिसमें एक टीम हारेगी और एक जीतेगी ।’’
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर बनने वाली हाइप से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा ,‘‘ मैं खिलाड़ियों से यही कहूंगा कि अपने खेल पर फोकस रखें और सोशल मीडिया हाइप से दूर रहें ।’’
अकरम ने कहा कि पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत को हराने के बाद से पाकिस्तान टीम का कायाकल्प हो गया है और वह नये आत्मविश्वास के साथ उतरेगी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले साल टी20 विश्व कप में भारत को हराकर पाकिस्तान के हौसले बुलंद हुए हैं । यह युवा टीम है लेकिन लगातार अच्छा खेल रही है । मध्यक्रम कमजोर कड़ी हो सकता है जिसमें इफ्तिखार अहमद के अलावा किसी के पास अनुभव नहीं है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ दोनों टीमों के लिये इस मैच में जीत की कुंजी मानसिकता होगी । एशिया कप में दोनों टीमों के लिये यह सबसे अहम मुकाबला भी है ।’’
उन्होंने स्वीकार किया कि तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी के चोट के कारण बाहर होने से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ शाहीन की कमी पाकिस्तान को बहुत खलेगी क्योंकि वह नयी गेंद से विकेट लेने में माहिर है । वह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और दुनिया के शीर्ष तीन तेज गेंदबाजों में से है । लेकिन उसे घुटने में चोट लगी है और ठीक होने में समय लगेगा ।’’
शास्त्री ने भी उनसे सहमति जताते हुए कहा ,‘‘ भारत को बायें हाथ के तेज गेंदबाजों ने हमेशा परेशान किया है । बायें हाथ के तेज गेंदबाज काफी अहम होते हैं क्योंकि वे दो तीन ओवरों में मैच का पासा पलट सकते हैं जैसे 1992 विश्व कप फाइनल में वसीम अकरम ने किया था ।’’
भारतीय टीम शुरूआती मैचों में कोच राहुल द्रविड़ के बिना ही उतरेगी जो कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल दुबई नहीं जा सकेंगे । शास्त्री ने हालांकि कहा कि इससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पहले तो मैं यह कहूंगा कि अब इसे कोरोना मत कहो, यह एक फ्लू ही रह गया है । दवाई खाकर वह ठीक हो जायेगा और उम्मीद है कि भारत . पाकिस्तान मैच से पहले टीम के साथ होगा ।’’
टीम संयोजन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हालात को देखने के बाद ही अंतिम एकादश चुनी जा सकती है , एक सप्ताह पहले कयास लगाना बेमानी है ।
उन्होंने हार्दिक पंड्या को भारत के लिये सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी बताते हुए कहा ,‘‘ उसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि वह टीम को संतुलन देता है । हमें पिछले साल विश्व कप में इसकी कमी खली जब वह गेंदबाजी नहीं कर पा रहा था । मेरा मानना है कि जसप्रीत बुमराह और हार्दिक जैसे खिलाड़ियों के कार्यभार प्रबंधन को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि विश्व कप से पहले उन्हें चोटों से सुरक्षित रखा जा सके ।’’
वहीं सूर्यकुमार यादव को भारत का सबसे खतरनाक खिलाड़ी बताते हुए अकरम ने कहा ,‘‘ भारत के पास रोहित शर्मा, केएल राहुल , विराट कोहली जैसे कई दिग्गज हैं लेकिन मेरी नजर में सबसे खतरनाक इस समय सूर्यकुमार यादव है जिसके पास 360 डिग्री शॉट्स हैं और लय में होने पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ सकता है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ पाकिस्तान की बात करें तो बाबर और रिजवान अहम होंगे जो तकनीकी रूप से इतने मजबूत हैं कि ज्यादा मौके नहीं देते । इनके बल्लों पर अंकुश लगाना चुनौतीपूर्ण होगा ।’’
दोनों ने कहा कि प्रतिभागी टीमों के प्रदर्शन को देखते हुए कोई कयास लगाना मुश्किल है और यह अब तक का सबसे मजबूत एशिया कप होगा ।
शास्त्री ने कहा ,‘‘ टीमों के प्रदर्शन में अंतर इतना कम है कि कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है । भारत और पाकिस्तान प्रबल दावेदार होंगे लेकिन बाकी टीमों को भी कमतर नहीं आंका जा सकता ।’’
अकरम ने कहा ,‘‘ हमारे दौर में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की ही बात होती थी लेकिन अफगानिस्तान भी बेहद खतरनाक टीम है । उसके पास राशिद खान जैसे मैच विनर हैं और कई बेखौफ बल्लेबाज हैं । श्रीलंका हमेशा से खतरनाक टीम रही है जबकि बांग्लादेश उलटफेर करने में माहिर है ।’’
दोनों ने यह भी कहा कि ओस की भूमिका को कम करने के उपाय किये जाने चाहिये ताकि टॉस जीतने वाली टीम को गैर जरूरी फायदा नहीं मिले ।