धोनी की गैर मौजूदगी में उथप्पा करना चाहते हैं फिनिशर के रूप में वापसी


उथप्पा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा,अभी मैं प्रतिस्पर्धी बनना चाहता हूं। अब भी मेरे अंदर यह जज्बा है। मैं वास्तव में खेलना चाहता हूं और अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैं पूरी ईमानदारी से यह मानता हूं कि मैं अभी एक विश्व कप में खेल सकता हूं। इसलिए मैं इसके लिये खुद को तैयार रख रहा हूं विशेषकर छोटे प्रारूप में।



पिछले पांच साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे बल्लेबाज रोबिन उथप्पा की निगाहें ‘फिनिशर’ के तौर पर टी20 टीम में वापसी करने पर टिकी हैं और उन्हें लगता है कि वह अभी एक और विश्व कप खेल सकते हैं। उथप्पा वनडे विश्व कप 2007 की टीम में शामिल थे और पहले टी20 विश्व कप की विजेता टीम का हिस्सा थे। उन्होंने भारत की तरफ से अपना आखिरी मैच जुलाई 2015 में जिम्बाब्वे दौरे में खेला था। यह 34 वर्षीय बल्लेबाज अक्टूबर 2011 के बाद से केवल आठ वनडे और चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेल पाया है।

उथप्पा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘‘अभी मैं प्रतिस्पर्धी बनना चाहता हूं। अब भी मेरे अंदर यह जज्बा है। मैं वास्तव में खेलना चाहता हूं और अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मैं पूरी ईमानदारी से यह मानता हूं कि मैं अभी एक विश्व कप में खेल सकता हूं। इसलिए मैं इसके लिये खुद को तैयार रख रहा हूं विशेषकर छोटे प्रारूप में। ’’

भाग्य होना बहुत ज़रूरी : रोबिन उथप्पा 

वह हालांकि जानते हैं कि इसके लिये उन्हें भाग्य की भी जरूरत पड़ेगी। उथप्पा ने कहा, ‘‘भाग्य भी आपके साथ होना चाहिए। यह अहम भूमिका निभाता है। विशेषकर भारत में इसकी भूमिका स्पष्ट होती है। विदेशों में यह बहुत अधिक महत्व नहीं रखता लेकिन उपमहाद्वीप विशेषकर भारत में जहां इतनी अधिक प्रतिभा है, यह महत्वपूर्ण बन जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप कभी खुद को चुका हुआ नहीं मान सकते। अगर आप खुद को चुका हुआ मान देते हो तो यह अनुचित होगा। विशेषकर तब जबकि आप मानते हैं कि आपके पास क्षमता है और और मौका बन सकता है। जब ऐसा मौका है मैं क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। ’’ उथप्पा ने कहा, ‘‘मैं अब भी मानता हूं कि चीजें मेरे अनुकूल हो सकती हैं और मैं विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बन सकता हूं और उसमें अहम भूमिका भी निभा सकता हूं। सपने अब भी है और जब तक ये सपने रहेंगे मैं क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा।’’