नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी के स्टार विजेंदर सिंह और छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम ने लवलीना बोरगोहेन के तोक्यो खेलों में ओलंपिक पदक पक्का करने के बाद कहा, ‘वेलकम टू द क्लब’।
विजेंदर ने 2008 में देश को पहला ओलंपिक पदक दिलाया था जिसके बाद मैरीकॉम 2012 लंदन चरण में पोडियम स्थान हासिल करने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनी थीं। अब ये दोनों उम्मीद कर रहे हैं कि लवलीना तोक्यो में उनसे बेहतर प्रदर्शन करे।
ओलंपिक पदक दिलाने वाले भारत के पहले पुरूष मुक्केबाज विजेंदर ने पीटीआई से लवलीना की तोक्यो में क्वार्टरफाइनल जीत के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘वेलकम टू द क्लब (क्लब में आपका स्वागत है)।’’ उन्होंने कहा कि वह लवलीना की तकनीकी रणनीति से काफी प्रभावित हुए। जिसने उन्हें एमेच्योर सर्किट पर अपना अभियान याद दिला दिया।
Finally congratulations India 🇮🇳 #lovlina #TeamIndia
— Vijender Singh (@boxervijender) July 30, 2021
लवलीना ने चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैम्पियन निएन चिन चेन को 4 – 1 से हराकर अंतिम चार चरण में क्वालीफाई किया जहां उनका सामना तुर्की की मौजूदा विश्व चैम्पियन बुसेनाज सुरमेनेली से होगा।
मैरीकॉम ने तोक्यो से कहा, ‘‘हम इस पदक का इंतजार कर रहे थे, हर किसी ने इतनी मेहनत की है। मैं उसके लिये बहुत खुश हूं।’’
मैरीकॉम ने कहा, ‘‘कितनी बढ़िया बाउट थी। उसकी योजना काबिले तारीफ थी। उसने दाहिने हाथ का इतना प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, जिससे मुझे एमेच्योर सर्किट पर अपने दिन याद आ गये। ’’
मैरीकॉम ने कहा, ‘‘उसे अगले दौर में कड़ी प्रतिद्वंद्वी से भिड़ना है लेकिन इस रणनीति के साथ वह निश्चित रूप से उसे हरा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि, ‘‘वह हमेशा ही कम चर्चित लड़की रही है। यह पदक उसके लिये जश्न का मौका है। ’’
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने लवलीना की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि वे इस क्षण का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस खबर को सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह सिर्फ मुक्केबाजी के लिये ही नहीं बल्कि असम और पूरे देश के लिये गौरव का क्षण है। लवलीना का यह बहुत ही साहसिक प्रयास है, निश्चित रूप से। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले साल कोविड-19 संक्रमित हो गयी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मां भी किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। लेकिन वह जन्म से ही ‘फाइटर’ है। भारतीय मुक्केबाजी के लिये यह बड़ा मील का पत्थर है और जिस तरह से इस युवा लड़की ने खुद को साबित किया है, उससे हम सभी गर्व महसूस कर रहे हैं। ’’