अलमाटी। ओलंपिक टिकट हासिल कर चुकी विनेश फोगाट (53 किग्रा) और युवा सनसनी अंशु मलिक (57 किग्रा) के साथ दिव्या काकरान (72 किग्रा) ने दमदार प्रदर्शन के साथ ने शुक्रवार को यहां एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में अपने-अपने मुकाबले जीत कर स्वर्ण पदक हासिल किये।
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (65 किग्रा) को यहां रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा। पिछले काफी समय से लय हासिल करने में जूझ रही साक्षी का हौसला इससे जरूर बढ़ेगा।
कई बड़े खिलाड़ियों के बिना आयोजित इस प्रतियोगिता में विनेश का पूरा दबदबा कायम रहा और उन्होंने 53 किग्रा वर्ग में बिना अंक गंवाये पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप का पीला तमगा हासिल किया। इससे पहले उन्होंने इस चैम्पियनशिप में सात पदक हासिल किये थे जिसमें तीन रजत पदक शामिल हैं।
पिछले साल दिल्ली में आयोजित हुई प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली विनेश ने फाइनल में ताइपे की मेंग ह्सआन हसिह के खिलाफ 6-0 की बढ़त हासिल करने के बाद उसे पूरी तरह से चित कर दिया। इस प्रतियोगिता में ताइपे की इस खिलाड़ी पर विनेश की यह दूसरी जीत है।
विनेश ने शुरूआती चरण में मंगोलिया की ओटगोंजरगल गनबातर और हसिह के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता से जीत दर्ज की, जबकि सेमीफाइनल में उनकी प्रतिद्वंद्वी की ह्युनयॉन्ग ओह चोट के कारण रिंग में नहीं उतरी।
भारत ने इस प्रतियोगिता के महिलाओं के मुकाबले से कुल सात पदक हासिल किये जिसमें चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक शामिल है। सरिता मोर (59 किग्रा) ने गुरूवार को स्वर्ण जीता था जबकि सीमा बिस्ला (50 किग्रा) और पूजा (76 किग्रा) को कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा था।
हाल ही में अंशु के साथ इसी स्थल पर ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले युवा पहलवान सोनम मलिक (62 किग्रा) चोटिल होने के कारण इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकी।
अंशु ने फाइनल में मंगोलिया की बत्सेत्सेग अल्टांसेटसेग को 3-0 से पछाड़कर सीनियर वर्ग में एक और बड़ा पदक हासिल किया। फाइनल में मंगोलियाई खिलाड़ी के पास अंशु के आक्रमण का कोई जवाब नहीं था।
इससे पहले 19 साल की अंशु ने शुरूआती दो बाउट में उज्बेकिस्तान की सेवारा इश्मुरतोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेक कयजी को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर पटखनी देकर सेमीफाइनल में पहुंची।
सेमीफाइनल में वह अल्टांसेटसेग से वह 9-1 से आगे चल रही थीं जब रेफरी ने इस भारतीय खिलाड़ी को ‘विक्ट्री बाय कौशन (प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को तीन चेतावनी दिये जाने के बाद)’ के कारण जीत प्रदान की। इससे पहले इस मंगोलियाई खिलाड़ी को तीन बार चेतावनी दी गई थी। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक अपने चहेते 62 किग्रा वर्ग में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद 65 किग्रा वर्ग में हाथ आजमा रही थी।
पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के जीतने के बाद साक्षी कोरिया की हैनबिट ली के खिलाफ 3-0 से आगे चल रही थी। कोरियाई खिलाड़ी को हालांकि घुटने में चोट लग गयी और वह प्रतियोगिता से बाहर हो गयी। फाइनल में हालांकि उन्हें मंगोलिया की बोलोटुंगालाग जोरिग्ट से हार का समाना करना पड़ा।
दिव्या काकरान भी यहां दमदार प्रदर्शन करते हुए कोरिया की सुजिन पार्क को चित कर के स्वर्ण पदक हासिल किया। सरिता मोर के बाद वह इस प्रतियोगिता में दो बार स्वर्ण जीतने वाली दूसरी भारतीय पहलवान है। उन्होंने अपने अभियान के दौरान एशियाई चैम्पियन कजाखस्तान की झामिला बाकबेर्गेनोवा को भी 8-5 से हराया।