वाटसन ने बीबीएल के नियमों में बदलाव के लिए क्रिकेट बोर्ड पर निशाना साधा


वाटसन ने अपनी टी20 वेबसाइट में ब्लॉग पर लिखा, ‘‘मैंने आज पढ़ा कि बीबीएल पावर सर्ज, एक्स फेक्टर खिलाड़ी और बैश बूट जैसी तिकड़म लागू कर रहा है जो टूर्नामेंट में नई जान फूंकने का बेकार का प्रयास है।’’


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Chennai: Former Australian cricketer Shane Watson during a felicitation programme in Chennai on Oct 14, 2019. (Photo: IANS)


मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के पूर्व आलराउंडर शेन वाटसन ने आगामी बिग बैश लीग (बीबीएल) में नए नियम लागू करने के लिए देश के क्रिकेट बोर्ड पर निशाना साधा है।

क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने 10 दिसंबर से शुरू हो रहे बीबीएल के 10वें टूर्नामेंट में तीन नए नियमों को लागू करने का फैसला किया है जो पावर सर्ज, एक्स फेक्टर खिलाड़ी और बैश बूट हैं।

वाटसन ने अपनी टी20 वेबसाइट में ब्लॉग पर लिखा, ‘‘मैंने आज पढ़ा कि बीबीएल पावर सर्ज, एक्स फेक्टर खिलाड़ी और बैश बूट जैसी तिकड़म लागू कर रहा है जो टूर्नामेंट में नई जान फूंकने का बेकार का प्रयास है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि लोग किसी चीज को पुनर्जीवित करने का प्रयास क्यों कर रहे हैं जबकि वह खत्म ही नहीं हुई है।’’

नए नियमों के तहत टीमों को मैच में 10वें ओवर के बाद एक एक्स फेक्टर खिलाड़ी का इस्तेमाल करने की स्वीकृति होगी जो एक बल्लेबाज या क्षेत्ररक्षण टीम में एक गेंदबाज की जगह लेगा जिसने एक ओवर से अधिक गेंदबाजी नहीं की हो।

पावर सर्ज दो ओवर का पावर प्ले होगा जिसे बल्लेबाजी टीम पारी के आखिरी 10 ओवरों के दौरान कभी भी ले सकती है। इस दौरान 30 गज के दायरे के बाहर सिर्फ दो क्षेत्ररक्षकों को रखने की स्वीकृति होगी। पावर सर्ज को जगह देने के लिए प्रत्येक पारी की शुरुआत में होने वाले छह ओवर के पावर प्ले को घटाकर चार ओवर का कर दिया जाएगा।

एक अन्य नियम बोनस प्रतियोगिता अंक से जुड़ा है जिसे ‘बैश बूट’ कहा गया है। यह दूसरी पारी के 10 ओवर होने के बाद उस टीम को दिया जाएगा जिसने 10 ओवर के बाद अधिक स्कोर बनाया होगा।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सत्र के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वाटसन ने कहा कि ये बदलाव खेल को और अधिक जटिल बना देंगे।

आस्ट्रेलिया की ओर से 59 टेस्ट, 190 वनडे और 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 10950 रन बनाने के अलावा 291 विकेट चटकाने वाले वाटसन ने कहा, ‘‘ये ‘विज्ञान के नए प्रयोग’ खिलाड़ी और कोचों के लिए ही नहीं बल्कि दर्शकों के लिए भी जटिलताएं पैदा करेंगे जबकि इन नियमों को निचले स्तर पर परखा नहीं गया है।’’