बिहार में अंतर्राष्ट्रीय हवाला रैकेट का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार


पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक राइफल, एक रिवॉल्वर, एक महिंद्रा एसयूवी, 19 डेबिट कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, 2.67 लाख रुपये नकद, 6 मोबाइल फोन, एक स्वाइप मशीन, लैपटॉप, एक डिजिटल कैमरा, 22 सिम कार्ड, एक पैन कार्ड और बड़ी संख्या में पासबुक बरामद की है।


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बिहार Updated On :

पटना। बिहार के सीवान में अंतर्राष्ट्रीय हवाला रैकेट चलाने में कथित संलिप्तता के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को कहा, “पाकिस्तान के साथ लगभग हर दिन एक करोड़ रुपये का लेन-देन किया जा रहा था।” सीवान जिले के पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि जिले के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें पता चला कि गोपालगंज जिले के कुछ लोग ब्रह्मा स्थान गांव में हरेंद्र सिंह के घर पर इकट्ठे हुए और हवाला का पैसा रखा। हमने शनिवार को उस जगह छापा मारा और शेख सलीम (गोपालगंज), राजेश कुमार (गोपालगंज) और मनु कुमार (सीवान) को गिरफ्तार किया।”

अन्य तीन व्यक्ति – सरगना राज कुमार शर्मा, विश्वजीत कुमार और आफताब हालांकि भागने में सफल रहे।

पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक राइफल, एक रिवॉल्वर, एक महिंद्रा एसयूवी, 19 डेबिट कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, 2.67 लाख रुपये नकद, 6 मोबाइल फोन, एक स्वाइप मशीन, लैपटॉप, एक डिजिटल कैमरा, 22 सिम कार्ड, एक पैन कार्ड और बड़ी संख्या में पासबुक बरामद की है।

पुलिस को पूछताछ के दौरान पता चला कि उनमें से कुछ नौकरी की तलाश में सऊदी अरब गए थे, इस दौरान वे कुछ लोगों के संपर्क में आए, जिनमें पाकिस्तान के लोग भी शामिल थे। सऊदी अरब से लौटने के बाद उन्होंने सीवान में हवाला रैकेट शुरू किया।

सिन्हा ने कहा, उन्होंने वंचित ग्रामीणों की पासबुक प्राप्त की और सऊदी अरब और पाकिस्तान सहित अन्य देशों से पैसे प्राप्त करते थे। कमीशन लेने के बाद वे इसे किसी अन्य विदेशी मुद्रा में परिवर्तित कर देते थे और फिर से अलग-अलग देशों में भेज देते थे।

सिन्हा ने कहा, “वे लगभग हर दिन एक करोड़ रुपये पाकिस्तान में इसी तरीके से पैसे ट्रांसफर करते थे। हम यह जानने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं कि उन्होंने अब तक पैसा कहां-कहां भेजा है।”

पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि वे किंगपिन राजकुमार शर्मा को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। सिन्हा ने कहा, उम्मीद है कि साइबर विशेषज्ञ अंतर्राष्ट्रीय सांठगांठ पर कुछ और प्रकाश डालेंगे। इसमें आतंकी फंडिंग लिंक भी हो सकते हैं।



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