लालू का केंद्र पर हमला, कहा- भाजपा के ‘‘मुंह खून लगा हुआ है, राम और रहीम के बंदों’’ के बीच नफरत फैलाकर सत्ता में आयी है

लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर ‘‘राम और रहीम के बंदों’’ के बीच नफरत फैलाकर सत्ता में आने का आरोप लगाया, साथ ही पार्टी के नेताओं की तुलना ऐसे जानवर से की जिसने खून का स्वाद चखा है।

पटना। राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद ने लखीमपुर खीरी मामले की कड़ी आलोचना के साथ ही भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा पर ‘‘राम और रहीम के बंदों’’ के बीच नफरत फैलाकर सत्ता में आने का आरोप लगाया, साथ ही पार्टी के नेताओं की तुलना ऐसे जानवर से की जिसने खून का स्वाद चखा है।

कुछ महीने पहले जेल से रिहा होने के बाद से दिल्ली में मौजूद प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मंगलवार को पटना उत्तर बिहार के पार्टी पदाधिकारियों के एक प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई घटना की भी ‘‘कड़ी निंदा की।’’

2013 में चुनाव लड़ने से रोक लगाये जाने से पहले कई बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने विपक्ष में एकता की कमी पर भी अफसोस जताया और कहा कि अगर सभी दल इसका विरोध करें तो भाजपा को हराया जा सकता है।

चारा घोटाले में अपने खिलाफ आरोपपत्र दायर होने के कारण 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने वाले लालू प्रसाद ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार के ‘‘जल्द गिरने’’ की भी भविष्यवाणी की। इसी के साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘जातीय जनगणना के लिए हम लोग लडेंगे और इसे हासिल करके ही रहेंगे और इसी आधार सभी राज्यों का बजट बनेगा और समाज में जो गैर बराबरी की खाई है उसको पाटा जा सकता है।’’

राजद के इस प्रशिक्षण शिविर में प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं जल्द ही बिहार आऊंगा। लगभग हर दिन मैं अपने डॉक्टर से पूछता रहता हूं कि मैं कब जा सकता हूं। मुझे गुर्दे की गंभीर समस्या है और मुझे सलाह दी गई है कि मैं प्रतिदिन एक लीटर ही पानी का सेवन करूं। लेकिन मेरे स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और मैं जल्द ही आपके साथ रहने की आशा करता हूं।’’

लालू ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘देश बेरोजगारी और बढ़ती कीमतों से जूझ रहा है लेकिन भाजपा को इन समस्याओं को हल करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके मुंह खून लगा हुआ है। यह राम और रहीम के अनुयायियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करके सत्ता में आयी है।’’ उन्होंने रथयात्रा के बिहार से गुजरने के दौरान भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी की याद दिलाते हुए धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जतायी।

बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में अपने सहयोगी कांग्रेस के किसी एक पर चुनाव लड़ने की इच्छा के बावजूद राजद के दोनों सीटों से अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारे जाने के बाद लालू ने उक्त पार्टी में प्रचलित ‘‘आलाकमान संस्कृति’’ पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘चुनावों के दौरान कांग्रेस सहित अन्य दलों के उम्मीदवार अपने टिकटों को अंतिम रूप देने के लिए आलाकमान से मंजूरी का इंतजार करते थे। मैं अपने हस्ताक्षर एक पेड़ के नीचे बैठा करता था।’’

लालू प्रसाद ने अपने प्रतिद्धंद्धी नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की उनकी जोरदार मांग को याद किया और आश्चर्य जताया कि वह भाजपा के साथ क्यों हैं जिसने लंबे समय से लंबित अनुरोध की अनदेखी की है।

First Published on: October 6, 2021 12:07 PM
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