बिहार के एक करोड़ 11 लाख लोगों के लिए खुशखबरी है। मंगलवार (08 जुलाई, 2025) को जानकारी दी गई कि 11 जुलाई (शुक्रवार) को सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले राज्य के 1 करोड़ 11 लाख लाभुकों को डीबीटी से सीधे राशि भेजी जाएगी। इसके तहत एक हजार 227 करोड़ रुपये छह पेंशन योजनाओं से लाभांवित लोगों के खाते में भेजे जाएंगे।
यह पहला मौका होगा जब लाभुकों को बढ़ी हुई यानी करीब तीन गुनी पेंशन की राशि मिलेगी। इस कार्यक्रम को पूरे राज्य में उत्सव की तरह मनाने का सरकार ने निर्णय लिया है। मंगलवार को बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में इसको लेकर बैठक हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन सभी 38 जिलों के मुख्यालय, 534 प्रखंड मुख्यालय, 8053 ग्राम पंचायत और करीब 43 हजार 790 राजस्व ग्राम में करने की तैयारी है। इसमें 60 लाख से अधिक लाभुकों के शामिल होने की संभावना है।
इन छह योजनाओं के तहत दिए जाते हैं लाभ
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना- 45 प्रतिशत (49 लाख 89 हजार 507 लाभुक)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना- 32 प्रतिशत (35 लाख 57 हजार 163 लाभुक)
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना- 8 प्रतिशत (8 लाख 64 हजार 903 लाभुक)
बिहार विकलांगता पेंशन योजना- 8 प्रतिशत (9 लाख 65 हजार 202 लाभुक)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना- 6 प्रतिशत (6 लाख 32 हजार 594 लाभुक)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना – 1 प्रतिशत (1 लाख 10 हजार 580 लाभुक)
बता दें कि बिहार महादलित विकास मिशन के तहत 5 जुलाई तक 22 जिलों के अनुसूचित जाति और जनजाति टोलों में 51 हजार 756 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। शेष एक हजार 101 शिविर 12 जुलाई को आयोजित होंगे, जिनमें गया में 273, औरंगाबाद में 259 और खगड़िया में 119 शिविर शामिल हैं।
दूसरी ओर मद्य निषेध विभाग ने समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी कि राज्य में शराब तस्करी के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए 4 जुलाई तक 11 हजार 532 वाहनों को अधिग्रहित किया गया है। मुख्य सचिव ने शराब मामले में जब्त वाहनों की जानकारी राष्ट्रीय अखबारों और जिले की वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया ताकि अन्य राज्यों के वाहन मालिक भी इसकी जानकारी प्राप्त कर सकें।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्यालय खोलने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रस्तावित 16 नए केंद्रीय विद्यालयों के लिए पांच एकड़ जमीन या सरकारी भवनों का चिन्हीकरण करने के लिए संबंधित जिलों के डीएम तेजी से काम करें। इसके अलावा पटना में और केंद्रीय विद्यालय खोलने की संभावनाओं पर विचार करें।