पटना। बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को बिहार का 2024-25 का बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिहार का 2 लाख 78 हजार 425 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बिहार में सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा पर किया जाएगा। शिक्षा का बजट 52639.03 करोड़ रुपए का रखा गया है। वहीं बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा कि बिहार में युवाओं की नौकरी और रोजगार पर फोकस है। 5 लाख 33 हजार युवाओं को नौकरी दी गई। इसके अलावा रोजगार भी दिया गया। वहीं 5 लाख और रोजगार दिए जाएंगे। वहीं इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्त में हमलोग बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव जीतेंगे। वहीं बिहार विधानसभा 2025 में भी और अधिक सीटें हमलोगों को आएंगी।
वहीं इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग शुरू से कम ही कर रहे हैं। पुलिस बल कितना काम था। अब बहाली हो रही है। एक एक काम कर रहे हैं। हर तरह से लोगों की सेवा कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य , कृषि हर क्षेत्र में काम किया गया। शिक्षा में पहले शिक्षा और स्वस्थ में कितना कम लोग थे। सब की संख्या बढ़ाई गई। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पुल पुलिया का निर्माण करवाया गया। 5 घंटा में कही से पटना पहुंचने का लक्ष्य रखा गया।
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले किसी के घर में शौचालय नही था। लोगों को घर में शौचालय जाने के लिए प्रेरित किया गया। महिलाओं के लिए कितना कमा किया गया। पंचायतों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया। महिलाएं कितना ज्यादा पढ़ रही हैं। महिलाओ के लिए कितना कमा हुआ है पहले लोग पैदल घूमते थे। हिंदू मुस्लिम का कितना झगड़ा होता था। हमलोग आए हैं तो अब शांति है। कब्रिस्तान की घेराबंदी की गई। 8 हजार 519 कब्रिस्तान की घेराबंदी हो गई हैं। हिंदुओं के लिए मंदिर में किया गया। पहले मूर्ति चोरी हो जाती थी। अब नहीं होती हिय।
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम सब का जांच करवाएंगे। कौन किसको क्या दिया, घचपच किसने किया। जिन लोगो ने उधर उधर किया सब लोग अलर्ट रहिए। कोई आदमी पार्टी छोड़ेगा उसको रिजायन करना होगा। फिर से चुनाव लड़ना होगा ,लेकिन वे लोग चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
कोई दिक्कत की बात नहीं है। लेकिन तरह तरह का धंधा करते रहता है। आज विपक्ष के लोग भाग गए, इनलोगों को गवर्नर साहब के अभिभाषण पर बोलना चाहिए था। लेकिन, इन लोगो के पास बोलने के लिए कुछ नहीं था इस लिए भाग गए। शिक्षा का काम इन लोगो को दिया गया तो गड़बड़ी कर रहे थे। फिर मैंने सब कुछ किया।