दिल्ली में शराब पीने वालों की उम्र हुई कम, अब 21 साल वाले भी छलकाएंगे जाम

नई दिल्ली। दिल्ली कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। CM अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसमें शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दी गई है। दिल्ली सरकार के इस निर्णय की भाजपा और कांग्रेस ने कड़े शब्दों में निंदा की है। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि शराब पीने की उम्र को 25 से घटा कर 21 किया जाना कानूनी सही हो सकता है पर नैतिक रूप से यह पूर्ण रूप से गलत है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने नई आबकारी नीति को युवाओं के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि केजरीवाल सरकार का शराब पीने की उम्र को 25 से घटाकर 21 साल करने और शराब की दुकानों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने की ओर अग्रसर करने वाला कदम है।

बता दें कि राजधानी दिल्ली में क्लबों और रेस्तरां को जल्द ही देर रात तीन बजे तक शराब परोसने की अनुमति दी जा सकती है। दिल्ली सरकार के एक पैनल ने ‘आबकारी सुधारों’ को लेकर अपनी विभिन्न सिफारिशों के साथ इसका भी सुझाव दिया था। शहर में नई निजी शराब दुकानों के लिए नियमों में थोड़ी नरमी लाने के लक्ष्य से पैनल ने सिफारिश की है कि सरकारी कॉरपोरेशनों के अलावा प्रत्येक दो साल में लॉटरी प्रणाली के तहत खुदरा शराब दुकानों का लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा सितंबर में गठित पैनल ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब पीने की वैध आयु 25 साल से कम करके 21 साल करने की भी सिफारिश की थी। सिसोदिया ने आबकारी आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित थी। समिति का लक्ष्य आबकारी राजस्व को बढ़ाने के तरीके तलाशना, शराब की कीमतों को सरल बनाना और होटल तथा रेस्तरां उद्योग को बढ़ावा देना था।

राष्ट्रीय राजधानी के रेस्तरां और क्लबों को फिलहाल रात एक बजे तक शराब परोसने की अनुमति है। फिलहाल होटलों को चौबीसों घंटे शराब बेचने का लाइसेंस मिलता है, लेकिन उसके लिए मोटी फीस देनी पड़ती है। अब दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने सीएम अरविन्द केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर निशाना साधा है।

First Published on: March 23, 2021 12:43 PM
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