पांच सौ साल पुराने मंदिर को वक्फ की जमीन पर बताने की साजिश!

नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने खुद को वक्फ का पीड़ित बताया। द्वारका के अम्बरहाई गांव में सांसद कमलजीत सहरावत का घर है। उनके घर से 200 मीटर दूर बने मंदिर में लोग रोज आते हैं। उन्होंने दावा किया है कि कुछ लोग इस मंदिर की जमीन को वक्फ बोर्ड की जमीन बताकर कब्जा करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने एक व्यक्ति को रखवाली के लिए वहां रखा है।

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि 1508 से यह मंदिर वहां है। 36 बिरादरी के लोग यहां सैकड़ों साल से पूजा करते आ रहे हैं। लेकिन डेढ़-दो साल पहले कुछ लोग आये और इस जमीन को वक्फ की बताने लगे। गांववालों ने बताया कि डीडीए ने यह जमीन ले ली थी लेकिन विनती करने पर मंदिर को वहीं रहने दिया। 1987 में डीडीए ने इस जमीन पर पार्क बनाया। लेकिन गांववालों की रिक्वेस्ट के बाद मंदिर अभी भी अस्तित्व में है। वक्फ बोर्ड से जुड़े लोग इस जमीन को वक्फ की बताने की कोशिश में हैं। हालांकि मंदिर डीडीए की जमीन पर बना है, जहां डीडीए ने पार्क बनाया है। पार्क के पास ही सड़क के दूसरी तरफ कब्रिस्तान भी है।

इसी तरह द्वारका सेक्टर 23 के पोचनपुर गांव में बने श्मशान घाट की जमीन पर भी स्थानीय लोगों का दावा है। यह जमीन डीडीए ने पार्क के रूप में बनाई थी। लेकिन लंबे समय से बने श्मशान घाट के लिए जगह दी। कुछ सालों से मुस्लिम समुदाय के लोग यहां नमाज पढ़ रहे हैं। श्मशानघाट के पुरोहित ने दावा किया कि ईद पर उनके आवास के बगल में नमाज पढ़ी गई। उन्हें आशंका है कि इस जमीन को भी वक्फ की बताने की साजिश हो रही है। यहां भी डीडीए ने पार्क बनाया है।

First Published on: April 3, 2025 4:18 PM
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