दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 5 मार्च को दिल्ली सचिवालय में शिक्षाविदों के साथ बैठक की। बैठक का विषय ‘विकसित दिल्ली बजट’ था। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आशीष सूद मौजूद रहे। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली देश में सर्वोत्तम होनी चाहिए, और हम निरंतर इस दिशा में कार्यरत हैं।
उन्होंने इस संवाद को सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि वर्षों से चली आ रही चुनौतियों पर खुलकर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। उन्होंने कहा, “यह संवाद दिल्ली के समग्र विकास में सहायक होगा और आगामी बजट को अधिक प्रभावी बनाएगा।”
CM ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार जनता के सुझावों को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने बताया, “हमारे ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर पर सैकड़ों सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। हमारी टीम उन सभी सुझावों का अध्ययन कर रही है ताकि दिल्ली के लोगों को सर्वोत्तम बजट प्रदान किया जा सके।”
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े दावे किए, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदर्शित नहीं नजर आई, लेकिन हम दिल्ली की जनता से वादा करते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता भी होगी और हर गरीब और मिडिल क्लास को बेहतर शिक्षा मुहैया भी होगी। यही वजह है कि दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को बेहतर करने के लिए शिक्षाविदों से संवाद किया है ताकि एक बेहतर बजट शिक्षा के लिए तैयार किया जा सके।
CM रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में एजुकेशन मॉडल को बेहतर करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास करेगी और आज जिस तरीके से ईडब्ल्यूएस एडमिशन (EWS Admission) में पारदर्शिता देखने को मिली कि वे आगे भी जारी रहेगी। आने वाले दिनों में दिल्ली के अंदर शिक्षा मॉडल में बेहतर सुधार आपको देखने को मिलेगा।
रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया कि आगामी बजट दिल्ली के नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब होगा, जो राजधानी की समृद्धि और समग्र विकास को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, “हम इसे जनता का बजट प्रस्तुत करेंगे, ताकि हर नागरिक महसूस करे कि यह वास्तव में उनकी आकांक्षाओं का बजट है।”
CM रेखा गुप्ता की शिक्षाविदों के साथ यह बैठक शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जनता की भागीदारी और सुझावों के माध्यम से सरकार एक समावेशी और प्रभावी बजट प्रस्तुत करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके।