सीवेज अपशिष्ट जल का सौ प्रतिशत संचयन और शोधन करे दिल्ली जल बोर्ड: सीपीसीबी

पत्र में कहा गया, “इसलिए डीजेबी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में निकलने वाले घरेलू अपशिष्ट जल का सौ प्रतिशत संचयन हो और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के नियमों के अनुसार उसका शोधन भी किया जाए।”

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से कहा है शहर में उत्पन्न होने वाले सीवेज का सौ प्रतिशत संचयन और शोधन सुनिश्चित किया जाए।

सीपीसीबी ने कहा कि 22 नालों से निकलने वाला अशोधित अपशिष्ट जल यमुना नदी में फेन उत्पन्न करता है।

डीजेबी को लिखे पत्र में सीपीसीबी ने कहा कि अक्टूबर में एकत्रित किये गए आंकड़ों के अनुसार यमुना नदी में पानी की गुणवत्ता, पल्ला गांव को छोड़कर पूरे दिल्ली क्षेत्र में नहाने के लिए उपयुक्त नहीं है।

सीपीसीबी ने कहा कि 22 नालों ने लगातार निकलने वाला आंशिक रूप से शोधित और अशोधित अपशिष्ट जल आईटीओ और ओखला पुल के पास के पानी में फेन (झाग) पैदा होता है।

पत्र में कहा गया, “इसलिए डीजेबी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में निकलने वाले घरेलू अपशिष्ट जल का सौ प्रतिशत संचयन हो और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के नियमों के अनुसार उसका शोधन भी किया जाए।”

सीपीसीबी ने डीजेबी से यह भी कहा कि बिना शोधन किया हुआ जल इन नालों में नहीं जाना चाहिए।

First Published on: December 3, 2020 9:28 PM
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