आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने का शुरू हुआ विरोध, IMA ने किया प्रदर्शन


आईएमए ने कहा कि निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों ने देश के हर जिले में सड़कों पर उतरकर आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद की इस अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन किया।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने से संबंधित सरकारी अधिसूचना के खिलाफ मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इस कदम से ‘अव्यवस्था’ फैलेगी।

आईएमए ने कहा कि निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों के डॉक्टरों ने देश के हर जिले में सड़कों पर उतरकर आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले केन्द्रीय भारतीय औषधि परिषद की इस अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन किया।

मेडिकल के छात्रों ने अपने कॉलेजों में प्रदर्शन किया। आईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजन शर्मा समेत संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने नयी दिल्ली में स्थित मुख्यालय में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने इस फैसले को वापस लेने की मांग की।

आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देने का निजी एलोपैथी डॉक्टरों ने विरोध किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार के फैसले के विरोध में आठ दिसंबर को सांकेतिक प्रदर्शन और 11दिसंबर को निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद करने का एलान किया है। आईएमए का कहना है कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने और आयुष पद्धति से सर्जरी करने पर कोई विरोध नहीं है, लेकिन आयुष के नाम पर ऐलोपैथी चिकित्सा एनेस्थीसिया व दवाईयों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मिश्रित पैथी से इलाज करने से मरीजों की जान को खतरा होगा।

केंद्र सरकार ने आयुर्वेद अध्ययन के पाठ्यक्रम में सर्जिकल प्रक्रिया को भी जोड़ा है। इससे आयुष शिक्षा में पीजी व एमएस कोर्स करने वाले डॉक्टर हड्डी, ईएनटी, आंखों व दांतों की सर्जरी कर सकेंगे। ऐलोपैथी डॉक्टर इसी का विरोध कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.डीडी चौधरी का कहना है कि आठ दिसंबरको सभी निजी ऐलोपैथी डॉक्टर अपने-अपने क्षेत्रों में सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। कोरोना महामारी के चलते इमरजेंसी सेवा ही उपलब्ध होगी।

आईएमए का कहना है कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने और आयुष चिकित्सा पद्धति से सर्जरी करने का विरोध नहीं है, लेकिन पहले आयुष पद्धति में एनेस्थीसिया को विकसित करें। आयुष व मॉर्डन मेडिकल से गंभीर मरीज पर होने वाले रिएक्शन पर बिना रिसर्च किए सरकार ने सर्जरी की अनुमति दे दी। कहा कि यदि एलोपैथिक सर्जरी में मरीज को आयुष का लेप लगाया गया तो मरीज की मौत भी हो सकती है। 



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