आत्मनिर्भर भारत : जनजातीय मामलों का मंत्रालय KVIC के साथ करेगा 2 करार, खरीदेगा छात्रों के लिए कपड़ा


पहले सहमति पत्र (एमओयू) के तहत आदिवासी छात्रों के लिए खादी के कपड़े खरीदने के लिए समझौता किया जाएगा, जबकि दूसरा एमओयू प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत केवीआईसी के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय की साझेदारी के लिए होगा।


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दिल्ली Updated On :

नई  दिल्ली । खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और जनजातीय कार्य मंत्रालय के बीच मंगलवार को आदिवासी छात्रों के लिए खादी के कपड़े खरीदने और देश के आदिवासी जनसंख्या वाले इलाकों में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दो समझौते होंगे।

पहले सहमति पत्र (एमओयू) के तहत आदिवासी छात्रों के लिए खादी के कपड़े खरीदने के लिए समझौता किया जाएगा, जबकि दूसरा एमओयू प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत केवीआईसी के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय की साझेदारी के लिए होगा।

पहले एमओयू के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे एकलव्य आवासीय विद्यालयों में छात्रों के लिए 2020-21 में 14.77 करोड़ रुपये में छह लाख मीटर से अधिक खादी कपड़े खरीदेगा।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार हर साल एकलव्य विद्यालयों की संख्या बढ़ा रही है और खादी के कपड़ों की खरीद भी उसी अनुपात में बढ़ती जायेगी।’’

दूसरे एमओयू के तहत भारत में जनजातियों के आर्थिक विकास के लिए जिम्मेदार एजेंसी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) को पीएमईजीपी योजना का साझेदार बनाया जाएगा।

2022 तक 750 स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव

सूत्र ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय एकलव्य आवासीय विद्यालय का संचालन करता है, जहां वर्तमान में 75,000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं, 2022 तक कुल 750 स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि 750 और स्कूलों के साथ, कुल 3.6 लाख छात्रों को नामांकित किया जाएगा। सूत्र ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में 480 छात्र होंगे । उन्होंने आगे बताया कि मंत्रालय ने हाल ही में नई दिल्ली में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के साथ साझेदारी में एक अलग लोगो के साथ स्कूलों में छात्रों के लिए स्कूल यूनिफॉर्म का मानकीकरण किया है।



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