दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने गाड़ियों को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। 18 दिसंबर से दिल्ली में सिर्फ BS6 मानक वाली गाड़ियों को ही एंट्री की अनुमति दी जाएगी। इसका मतलब ये है कि दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड BS3 और BS4 वाहन अब राजधानी की सड़कों पर नहीं चल पाएंगे। दरअसल, ये फैसला प्रदूषण को कम करने और लोगों को साफ हवा देने के लिए लिया गया है।
BS यानी भारत स्टेज इमिशन स्टैंडर्ड होते हैं, जो ये तय करते हैं कि कोई गाड़ी कितना प्रदूषण फैलाएगी। BS4 पुराने नियमों के तहत आने वाली गाड़ियां हैं, जबकि BS6 नए और ज्यादा सख्त नियमों पर आधारित हैं। BS6 नियमों का मकसद गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं को काफी हद तक कम करना है। BS4 गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले Fuel में सल्फर की मात्रा ज्यादा होती है, जबकि BS6 Fuel ज्यादा साफ होता है। BS6 में सल्फर की मात्रा बहुत कम कर दी गई है, जिससे गाड़ी से निकलने वाला धुआं कम नुकसानदायक होता है। इसके अलावा नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी BS6 गाड़ियों में काफी कम होता है। डीजल गाड़ियों में यह फर्क और भी ज्यादा देखने को मिलता है।
BS6 गाड़ियों में कई नई तकनीकें लगाई जाती हैं, जो प्रदूषण को कंट्रोल करने में मदद करती हैं। इनमें खास फिल्टर और सेंसर लगे होते हैं, जो धुएं को साफ करते हैं और यह भी देखते हैं कि गाड़ी तय सीमा से ज्यादा प्रदूषण तो नहीं कर रही। हालांकि, इन गाड़ियों को सही तरीके से चलाने के लिए BS6 Fuel का इस्तेमाल जरूरी होता है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में BS3 और BS4 गाड़ियां चल रही हैं। इन पर रोक लगने से सड़कों पर प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की संख्या कम होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और लोगों को सांस से जुड़ी बीमारियों से राहत मिलेगी।
