ताजिया जुलूस मामले में पूर्व पार्षद समेत पांच लोग रासुका के तहत जेल भेजे गये

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इंदौर (मध्यप्रदेश)। मुहर्रम पर यहां भारी भीड़ जुटाकर ताजिया जुलूस निकाले जाने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । इनमें 60 साल का एक पूर्व पार्षद भी शामिल है जिसने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ फरवरी में भाजपा से नाता तोड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी।

अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजर जिले में सभी धार्मिक आयोजनों पर प्रशासनिक रोक के बावजूद खजराना इलाके में रविवार को ताजिया जुलूस निकाले गये थे। पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) विजय खत्री ने बताया कि इन जुलूसों के आयोजन के संबंध में पूर्व पार्षद उस्मान पटेल (60), इस्माइल पटेल(45),अंसार पटेल (38), मोहम्मद अली पटेल (65) और शहजाद पटेल (28) को जिला प्रशासन के आदेश पर रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि एनएसए में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को शहर के केंद्रीय जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि शहर के वॉर्ड क्रमांक 38 के पूर्व पार्षद उस्मान पटेल ने सीएए को “संविधानविरोधी प्रावधान” बताते हुए भाजपा से अपना करीब 40 साल पुराना नाता फरवरी में तोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में सैकड़ों अन्य मुस्लिम नेता-कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

इस बीच, खजराना पुलिस थाने के प्रभारी दिनेश वर्मा ने बताया कि प्रशासनिक प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए ताजिया जुलूस निकालने के मामले में एक और व्यक्ति के खिलाफ रासुका लगाने की सिफारिश की गयी है। उन्होंने बताया कि मामले में 22 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अफसर का आदेश नहीं मानना), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करनाजिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य संबद्ध धाराओं में दर्ज चार प्राथमिकियों के आरोपियों में शामिल हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि ताजिया जुलूस में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।