दिल्ली के बाद गुरुग्राम के बच्चों के लिए भी बड़ा फैसला, बढ़ते AQI के बीच ‘हाइब्रिड’ होंगे 5वीं तक के क्लास

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हरियाणा Updated On :

दिल्ली-NCR में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने एक बार फिर स्कूल प्रशासन और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर गुरुग्राम में हवा की स्थिति बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार (13 नवंबर) को अहम फैसला लेते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए कक्षाएं ‘हाइब्रिड मोड’ में संचालित करने का निर्देश जारी किया है। यह फैसला बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है।

गुरुग्राम के उपायुक्त अजय कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के चरण-3 के निर्देशों के तहत यह कदम आवश्यक हो गया था। वर्तमान में जिले की AQI स्थिति लगातार गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रही है, जिसके कारण छोटे बच्चों पर इसका सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए प्रशासन ने ठोस एहतियाती कदम उठाते हुए स्कूलों को हाइब्रिड मॉडल अपनाने का आदेश दिया।

हाइब्रिड मोड का मतलब यह है कि कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चलेंगी। जिन अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत या स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, वे ऑनलाइन क्लास का विकल्प चुन सकेंगे। वहीं जो बच्चे स्कूल आना चाहते हैं, उनके लिए आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए ऑफ लाइन कक्षाएं भी उपलब्ध रहेंगी। उपायुक्त अजय कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑनलाइन क्लास का विकल्प पूरी तरह अभिभावकों पर निर्भर होगा, स्कूल किसी पर भी दबाव नहीं बनाएंगे।

जानकारी के अनुसार, इस संबंध में जारी आदेश में सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल प्रभाव से सिस्टम तैयार करें ताकि बच्चों को पढ़ाई में कोई बाधा न आए। ऑनलाइन कक्षाओं के लिए पर्याप्त डिजिटल व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्कूलों को यह भी कहा गया है कि उपस्थिति को लेकर किसी भी छात्र पर बोझ न डाला जाए।

गुरुग्राम के अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और ऐसे समय में छोटे बच्चों को घर पर सुरक्षित रखते हुए पढ़ाई जारी रखना सबसे बेहतर विकल्प है। वहीं स्कूलों ने भी प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे बिना किसी परेशानी के हाइब्रिड माध्यम को प्रभावी रूप से लागू करेंगे।

कुल मिलाकर, बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समयानुकूल और आवश्यक कदम माना जा रहा है, ताकि शिक्षा भी जारी रहे और स्वास्थ्य से समझौता भी न करना पड़े।



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