जंजीर में बंधे होने से ज्यादा देर तक नहीं लड़ सका ‘काल भैरव’ और गवां दी जान


काल भैरव को सैलानियों को घुमाने के लिए रखा गया था। खाना खिलाने के बाद उसकी देखरेख करने वाले महावत और वन्यकर्मी चले गए। दो नर हाथी वहां पहुंचे और काल भैरव पर हमला कर दिया। जंजीर में बंधे होने के कारण काल भैरव ज्यादा देर तक नहीं लड़ सका और अपनी जान गवां दी।



मेदिनीनगर। लातेहार जिला प्रशासन ने बेतला नेशनल पार्क में कर्नाटक के मैसूर से लाए गए हाथी ‘काल भैरव’ की मौत के बाद पलामू बाघ संरक्षित क्षेत्र के अधिकारियों से जवाब मांगा है। लातेहार के उपायुक्त अबु इमरान ने बाघ परियोजना सह कोर एरिया के उप निदेशक को पत्र लिख कर हाथी की मौत पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

अधिकारियों से बताने को कहा गया है कि हाथी को चयनित आश्रय से हटाकर अन्य स्थल पर किस कारण से रखा गया। वन के क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) द्वारा ‘काल भैरव’ की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम के बारे में भी बताने को कहा गया है।

दरअसल झारखंड के बेतला नेशनल पार्क में एक पालतू हाथी जिसका नाम काल भैरव था को सोमवार की रात कुछ जंगली हाथियों ने मार डाला। कर्नाटक के मैसूर से लाए गए काल भैरव को हाल के दिनों में ही शेड से निकालकर खुले मैदान में जंजीर से बांधकर रखा जा रहा था।

काल भैरव को सैलानियों को घुमाने के लिए रखा गया था। यह घटना तब घटी जब सोमवार की रात काल भैरव को खाना खिलाने के बाद उसकी देखरेख करने वाले महावत और वन्यकर्मी चले गए।

जानकारी के मुताबिक सोमबार की रात ही दो नर हाथी वहां पहुंचे और काल भैरव पर हमला कर दिया। जंजीर में बंधे होने के कारण काल भैरव उन हाथियों से ज्यादा देर तक नहीं लड़ सका और अपनी जान गवां दी।



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