
रांची। अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम 2019 यानी बड्स एक्ट को झारखंड में तत्काल लागू करने और सहारा इंडिया, एपीलाइन, सांई प्रकाश, पल्स, वेलफेयर, विश्वामित्र, रोज वैली आदि दर्जनों कंपनियों द्वारा जनता की मेहनत की लूटी हुई जमा पूंजी को वापस कराने और इसको लूटने वालों पर कड़ी कार्रवाई की प्रमुख मांग पर आज झारखंड नवनिर्माण दल के बैनर तले धरती आबा बिरसा मुंडा की 125 वें बलिदान दिवस पर बड़ी संख्या में लोगों ने राजभवन मार्च किया।
मार्च का नेतृत्व झारखंड नवनिर्माण दल के केंद्रीय संयोजक विजय सिंह ने किया। मार्च के बाद बड़ी सभा का आयोजन किया गया और 13 सूत्रीय मांगपत्र राज्यपाल महोदय को भेजा गया। जिसे आवश्यक कार्रवाई हेतु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी प्रेषित किया गया।
इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि आदिवासी भावना और उनके अधिकारों के लिए गठित झारखंड राज्य आज कॉर्पोरेट घरानों की लूट का केंद्र बन गया है। जल, जंगल, जमीन, खनिज व प्राकृतिक संसाधनों की लूट हो रही है। स्थानीय आदिवासी, दलित विस्थापन और पलायन की मार झेल रहा है।

माइक्रो फाइनेंस कंपनियां राज्य के पिछड़े इलाकों में लोगों को लोन देकर मनमाना ब्याज वसूलकर आधुनिक सूदखोरी कर रही हैं। जनता की जिदंगी भर की जमा पूंजी को नान बैकिंग कम्पनियों द्वारा हड़प लिया गया। इस लूट पर रोक के लिए देश की संसद से 2019 में बड्स कानून बना। 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले लोगों से पैसे वापस दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा फार्म तक भरवाए गए। पर चुनाव के बाद सब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने सरकार से बड्स एक्ट को लागू करने और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के नियमन के लिए आंध्र प्रदेश की तरह झारखंड में भी कानून बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। यदि देश के 200 बड़े पूंजी घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाया जाए और काली पूंजी की अर्थव्यवस्था को नियमित किया जाए तो देश के हर नागरिक के लिए गुणवत्तापूर्ण व मुफ्त शिक्षा-स्वास्थ्य, रोजगार और सम्मानजनक जीवन की गारंटी की जा सकती है। साथ ही झारखंड समेत देश भर में खाली पड़े एक करोड़ सरकारी पदों को भरा जा सकता है। इस सवाल पर देशभर के युवा संगठन रोजगार अधिकार अभियान चला रहे हैं जिसे झारखंड़ में भी विस्तार दिया जायेगा

सभा में झारखंड नवनिर्माण दल के केंद्रीय संयोजक विजय सिंह ने कहा कि आदिवासियों के अस्तित्व और अस्मिता दोनों पर हमला हो रहा है। उनकी धार्मिक परम्परा, संस्कृति, सभ्यता, बोली, लिपि, भाषा को नष्ट करने के चौतरफा प्रयास हो रहे हैं। मांग की गई कि भारत सरकार द्वारा घोषित जनगणना में 1951 की तरह जनजाति धर्म के कालम को भी जोड़ा जाए। साथ ही आदिवासियों की जमीन पर पुश्तैनी अधिकार के लिए बनाए गए वन अधिकार कानून को कड़ाई से लागू किया जाए। कृषि, खनिज व प्राकृतिक संसाधनों पर आदिवासियों के अधिकार को सुनिश्चित किया जाए और जल, जंगल, जमीन व खनिज की लूट पर रोक लगाई जाए।
आदिवासी महिला नेत्री पुष्पा उरांव ने कहा कि महिला मंडलों को उद्यम व व्यापार के लिए सरकार 10 लाख रूपए का अनुदान दे और उनके उत्पाद के लिए बाजार मुहैया कराने की जिम्मेदारी ले। उ0 प्र0 के एआईपीएफ राज्य कार्यसमिति सदस्य व आदिवासी नेता कृपाशंकर पनिका ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की सरकार ने आदिवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। कारपोरेट के मुनाफे के लिए आदिवासियों का अस्तित्व मिटाने की हो रही कोशिश के खिलाफ एकजुट होना होगा।
कार्यक्रम में पलायन रोकने के लिए मनरेगा को मजबूत करने और उसमें 200 दिन काम व 400 रूपए मजदूरी देने, शहरी क्षेत्र के लिए भी मनरेगा जैसा कानून बनाने, स्कीम वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा व सम्मानजनक मानदेय देने, स्थानीय व नियोजन नीति बनाने, सिरमटोली में सरना पूजा स्थल को उजाड़ने की रैंप को हटाने, एचसी हटिया समेत बंद पड़े कल कारखानों को चालू किया जाए और स्थानीय संस्कृति, जीवनचर्या, पर्यावरण के अनुकूल सरकारी योजनाएं बनाई जाए आदि मांगों को भी उठाया गया।
कार्यक्रम में हुई सभा को अलमीना बरजो, आदित्य सिंह, प्रकाश उरांव, सुकरा मुण्डा, इस्लाम अंसारी, प्रभु मिंज, रमेश उरांव, आनंद साहू, प्रेमचंद तिग्गा, गोयंदो मेहता, सहदेव बड़ाइक, बादल सिंह, सुखदेव सिंह, राम प्रसाद शाह, फवआनुस सारस, प्रेमचंद पूर्ति, चैना धान, सुनील होरो, ताराचंद पांडेय, सोमा मुण्ड़ा, सुशील भुईंया, शिवचंद मांझी, विकी मिंज, शांति देवी, अर्चना लकड़ा ने सम्बोधित किया।