जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या में शामिल होने के आरोप में दो पाकिस्तानी नागरिकों सहित 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। 28 जून को 11 में से दो आरोपियों ने 48 वर्षीय कन्हैया लाल का चाकू से गला काट दिया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि हत्या पूरे देश में डर फैलाने के लिए की गई थी और इसलिए इस कृत्य को फिल्माया गया था। मुख्य आरोपी रियाज व गौस मोहम्मद समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
सूत्रों की मानें तो एनआईए ने अपनी जांच के बाद कराची में रहने वाले दो लोगों को आरोपी के तौर पर जोड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि ये युवक कई ग्रुप के एडमिन थे और भड़काऊ मैसेज भेजते थे। ये सभी आरोपी इन ग्रुप में जुड़े हुए थे। दोनों पाकिस्तानी फिलहाल एनआईए के शिकंजे से दूर हैं।
सभी आरोपियों को अब तक कोर्ट में पेश भी नहीं किया गया है। चालान पर भी तीन जनवरी को ही सुनवाई होगी।
जयपुर की विशेष अदालत में गुरुवार को पेश चार्जशीट में एनआईए की टीम ने कहा है कि आरोपी ने आतंकी मॉड्यूल की तरह काम कर बदला लेने की साजिश रची थी। आरोपी कट्टरपंथी थे और भारत सहित दुनिया भर से आने वाले आपत्तिजनक ऑडियो/वीडियो/संदेशों से प्रेरित थे। दोनों आरोपियों ने देश भर में डरावने वारदात को अंजाम देने के लिए चाकुओं और हथियारों का इंतजाम किया था।
कन्हैया लाल के फेसबुक पोस्ट को लेकर आरोपियों के मन में गुस्सा था। कट्टरपंथी होने के नाते पूरे भारत में आतंक फैलाने के मकसद से आरोपियों ने हत्या का वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। इन दोनों में से एक ने इस्लाम के खिलाफ लिखने पर भारत के लोगों में डर और आतंक फैलाने की मंशा से एक और धमकी भरा वीडियो भी शूट किया।
उदयपुर में सुप्रीम टेलर्स की दुकान के अंदर कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी, जब गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज नामक दो व्यक्तियों ने ग्राहक के रूप में दुकान में प्रवेश किया और उसका सिर काट दिया।