मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने महिलाओं के लिए चलाई जा रही प्रमुख ‘लाडली बहना योजना’ के बजट में भारी कटौती का फैसला लिया है। वित्त वर्ष 2025-26 बजट के तहत लाडला बहना योजना के लिए 18,669 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह बजट वित्त वर्ष 2024-25 में 18,984 करोड़ रुपये था। यानी अब 315 करोड़ रुपये का अंतर आ रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में रजिस्टर्ड ‘लाडली बहनों’ की संख्या 1.27 करोड़ रुपये है।
अब सवाल खड़ा होता है कि बजट कम करने पर क्या लाभार्थियों के खाते में कम पैसे आएंगे? सीधे तौर पर जान लें कि ऐसा नहीं होने वाला है। योजना की पात्रता पूरी करने वाली महिलाओं को पहले की ही तरह राशि मिलती रहेगी। हालांकि, जो महिलाएं 60 की उम्र पार कर रही हैं और योजना की पात्र आयु से ऊपर हो गई हैं, उन्हें दूसरी सरकारी योजनाओं में जोड़ा जाएगा और इस योजना से हटाया जाएगा।
ऐसे में महिलाओं को सरकार की ओर से बड़ी सौगात मिली है। लाडली बहना योजना की पात्रता पूरी न करने वाली महिलाओं को केंद्र सरकार तीन प्रमुख योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इनमें ‘अटल पेंशन योजना’, जीवन ज्योति योजना और जीवन सुरक्षा योजना शामिल है। इन योजनाओं की तय पात्रता को देखते हुए महिलाओं को इनसे जोड़ने का प्लान है। इसे लेकर बजट में भी घोषणा कर दी गई है।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट रूप से कहा था कि राज्य में लाडली बहना योजना निरंतर चलती रहेगी और इसमें किसी भी तरह की रोक-टोक नहीं की जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल से मध्य प्रदेश में महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विपक्षी दल लगातार मोहन यादव सरकार से यह मांग कर रहे थे कि लाडली बहना योजना की राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपये महीना कर दी जाए। बता दें कि साल 2023-24 के बजट में लाडली बहना योजना के लिए 18984 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जबकि अब के बजट में इस योजना के लिए 18669 करोड़ रुपये की राशि दी गई है, जो कि पिछले बजट से लगभग 315 करोड़ रुपये कम है।
इस मामले में सरकार ने दलील दी है कि 60 साल से अधिक उम्र की लगभग 3 लाख 20 हज़ार महिलाओं के नाम कटे हैं। ये महिलाएं अपात्र हो चुकी हैं, जबकि 15,748 महिलाओं की मृत्यु हो गई है। लिहाज़ा लाभार्थी महिलाओं की संख्या कम हुई है। ऐसे में कुल 3,35,739 महिलाओं के नाम कटे हैं।