CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा- स्कूलों में 11वीं, 12वीं की कक्षाएं 26 जुलाई से फिर से खोली जायेंगी


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में 11 वीं व 12 वीं कक्षा के लिए स्कूल 26 जुलाई से आधी क्षमता के साथ फिर से खोलने और इसके बाद धीरे-धीरे अन्य कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की।



भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रदेश में 11 वीं व 12 वीं कक्षा के लिए स्कूल 26 जुलाई से आधी क्षमता के साथ फिर से खोलने और इसके बाद धीरे-धीरे अन्य कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की।

चौहान ने बुधवार को भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा विद्या भारती के एक भवन का लोकार्पण करने के दौरान यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ घर बैठे (विद्यार्थियों को) इतने दिन हो गए हैं। बाजार खुले हैं और आवाजाही शुरू हो गई है। बच्चे भी बाजार जा रहे हैं। इसलिए हम सरकार के रूप में भी महसूस कर रहे हैं कि 26 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह से स्कूल खोले जाने चाहिए। 11वीं और 12वीं की कक्षाएं आधी क्षमता के साथ आरंभ की जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के प्रत्येक बैच के लिए वैकल्पिक दिनों में कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों का एक बैच पहले दिन और दूसरा बैच अगले दिन कक्षाओं में शामिल होगा।

उन्होंने कहा कि शुरुआत में स्कूल सप्ताह में चार दिन के लिए फिर छह दिन के लिए लगाने चाहिए। अगर 15 अगस्त तक (महामारी की तीसरी लहर के बारे में) सब ठीक रहा तो हम धीरे-धीरे स्कूलों में अन्य कक्षाएं खोलेंगे।

उन्होंने कहा कि कॉलेज भी चरणबद्ध तरीके से आधी क्षमता के साथ खोले जाएंगे। चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार महामारी की स्थिति को देखते हुए स्कूल को खोलने की योजना तैयार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तीसरी लहर के लिहाज से तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि लोग कोविड-19 महामारी के अनुरूप व्यवहार का पालन करना जारी रखेंगे तो प्रदेश सरकार 9वीं, 10वीं और फिर छठी से आठवीं कक्षाएं और उसके बाद प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात करते हुए चौहान ने कहा कि कोविड-19 के मामले कम होकर प्रतिदिन 20 तक रह गए हैं तथा उपचाराधीन मामले भी कम होकर 250 पर आ गए हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के बंद होने से विद्यार्थी निराश हो रहे हैं और उन्हें अब ऑनलाइन कक्षाओं की बजाय वास्तविक कक्षाओं की जरुरत है। स्कूल संचालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्कूल दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया गया है।



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